जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही हैं
धर्मनिरपेक्षता का चेहरा लेकर आई कांग्रेस ने चुनाव पन्द्रह प्रत्याशी चुनाव में उतारे हैं जबकि भाजपा ने सिर्फ परिवहन मंत्री यूनुस खान को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के सामने उतारा हैं।
पायलट ने उनके सामने मुस्लिम उम्मीदवार उतारकर हिन्दुत्व का वातावरण बनाने के प्रयास कर रही भाजपा को चुनौती दी हैं कि भाजपा को हिम्मत है तो उनके चुनाव क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रचार के लिए लाये।
कांग्रेस इस बात पर जोर दे रही है कि भाजपा का हिन्दुत्व केवल दिखावा है तथा राममंदिर सहित अन्य कई हिन्दुत्व के मुद्दे सिर्फ चुनाव के दौरान ही उठाए जाते हैं। कांग्रेस ने पोकरण से मुस्लिम धर्मगुरु गाजी फकीर के बेटे सालेह मोहम्मद को उतारा हैं जबकि भाजपा ने हिन्दू धर्म गुरु महंत प्रतापपुरी को खड़ा किया हैं। इस क्षेत्र में मुस्लिमों की संख्या ज्यादा हैँ लेकिन महंत के उतरने से हिन्दू मतदाताओं का ध्रुवीकररण हो रहा हैं।
पोकरण में जहां कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की कल सभा रखी गई हैं वहीं भाजपा ने भी योगी आदित्यनाथ को बुलाया हैं। गांधी का कल अजमेर की ख़्वाजा की दरगाह की चौखट चूमने तथा पुष्कर में पूजा अर्चना करने का कार्यक्रम हैं। धर्मनिरपेक्षता बताने के लिए कांग्रेस दोनों धर्मों को महत्व दे रही हैं जबकि भाजपा का ऐसा कोई एजेंडा नहीं हैं।
भाजपा में छिपे तौर पर हिन्दुत्व को अपनाया हैं लेकिन इस बारे में कोई खुल्ला एजेंडा नहीं हैं। दो सीटो में से केवल एक पर मुस्लमानों को टिकट देने तथा योगी की सभाए कराने तथा पश्चिम क्षेत्र में हिन्दु धर्मगुरुओं को खड़ा कर यह संदेश दे रही हैं कि भाजपा हिन्दुत्व से पीछे नहीं हैं।
अलवर में काफी समय तक गौरक्षकों के आंदोलन तथा गाय की तस्करी में कथित रुप से लिप्त दो मुस्लिम व्यक्तियों की पीटाई से हुई मृत्यु की घटना से अलवर में काफी बवाल मचा था। मोदी का इस क्षेत्र से चुनाव प्रचार की शुरुआत भी हिन्दुत्व के मुद्दे को मजबूत करने का प्रयास माना जा रहा है।
इसके अलावा भाजपा नेता राममंदिर के मुद्दे पर भी स्पष्ट पक्ष नहीं रख रहे हैं लेकिन इसे आस्था का विषय बताकर हिन्दुओं के मन में जगह बना रहे हैं। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मंदिर या महंत को महत्व देने से नहीं चूक रही।
कांग्रेस नेता भी मंदिर दर्शन को महत्व दे रहे हैं लेकिन वे इनसे चुनावी एजेंडे में शामिल करने से बच रहे हैं। कांग्रेस राममंदिर मुद्दे पर फिर माहाैल बनाने की पीछे भी भाजपा की चुनाव चाल मानते हैं।