अजमेर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि मंदिर जाने का मजाक उड़ाने वाले लोग आज मंदिर-मंदिर जाने लगे हैं। वोटों के लालच में अब वे गोत्र भी बताने लगे हैं। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि राहुल गांधी ने अपना गोत्र नहीं बताया, जो गोत्र बताया है वह तो नेहरूजी का गोत्र है। उन्हें तो अपने दादा और पिता का गोत्र बताना चाहिए।
राजे मंगलवार को अजमेर के पीसांगन में नसीराबाद के भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप लांबा, ब्यावर में प्रत्याशी शंकर सिंह रावत, राजसमंद के भीम में प्रत्याशी हरिसिंह रावत तथा उदयपुर के गोगुन्दा में प्रत्याशी प्रतापलाल गमेती के समर्थन में आयोजित जनसभाओं को सम्बोधित कर रही थीं।
महिलाओं के अपमान के लिए माफी मांगें गहलोत
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को झुककर प्रणाम किया तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उस पर भी अमर्यादित और असभ्य भाषा में टिप्पणी कर दी। जिस हल्की सोच के साथ उन्होंने एक महिला पर टिप्पणी की, वह सिर्फ मेरा ही नहीं, देश की सभी महिलाओं का अपमान है। मैं महिला हूं इसलिए गहलोत जी ने जो मेरे बारे में कहा उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मैं तो कल्पना भी नहीं कर सकती कि कांग्रेस के नेताओं की महिलाओं के बारे में ऐसी मर्यादाहीन सोच हो सकती है।
उन्होंने कहा कि बड़ों के सामने झुकना हमारी हिन्दू संस्कृति है। हमारे संस्कार भी यहीं हैं कि हम हर बड़े व्यक्ति को सम्मान देने के लिए झुककर प्रणाम करें।
5 साल में वो कर दिखाया जो कांग्रेस 50 साल में नहीं कर सकी
मुख्यमंत्री राजे ने कहा कि उनकी भाजपा सरकार ने इन 5 सालों में वो कर दिखाया जो कांग्रेस 50 साल के शासन में नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के लिए जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक योजना बनाकर उनकी सरकार ने उन्हें संबल दिया। भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से जरूरतमंद गरीब लोगों का निशुल्क इलाज करवाया। गांव-गांव में गौरव पथ बनाकर कीचड़ की समस्या खत्म की।
युवाओं को दिया रोजगार
राजे ने कहा कि हमने 15 लाख के रोजगार के वादे को निभाया है। 2.50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां मिल चुकी हैं। एक लाख सरकारी नौकरियां कांग्रेस ने अपनी संकीर्ण सोच की राजनीति के चलते निर्वाचन आयोग को शिकायत कर अटका रखी हैं।
मैं महारानी नहीं सेवादारनी
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नेता मुझे चुनावी लाभ के लिए महारानी कहते है। जबकि हकीकत यह है कि लोकतंत्र में जनता ही महाराजा और महारानी होती है। मैंने तो इस प्रदेश की एक सेवादारनी की तरह सेवा की।