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rajasthan assembly elections 2018 : poll campaign ends in rajasthan, polling on december 7-राजस्थान में चुनाव का शोर शराबा थमा, 7 दिसंबर को मतदान - Sabguru News
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राजस्थान में चुनाव का शोर शराबा थमा, 7 दिसंबर को मतदान

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राजस्थान में चुनाव का शोर शराबा थमा, 7 दिसंबर को मतदान
rajasthan assembly elections 2018 : poll campaign ends in rajasthan, polling on december 7
rajasthan assembly elections 2018 : poll campaign ends in rajasthan, polling on december 7

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव के प्रचार का शोरशराबा आज शाम समाप्त हो गया तथा कल प्रत्याशियों को घर-घर जाकर मतदाताओं से सम्पर्क करना होगा।

अलवर जिले के रामगढ़ में बसपा प्रत्याशी की म़ृत्यु के कारण यहां चुनाव स्थगित कर दिया गया है लिहाजा दो सौ में से 199 सीटों पर ही चुनाव हो रहे है। कांग्रेस ने 195 तथा भाजपा ने सभी सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे है। इसके अलावा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी सहित कई छोटे-मोटे दलों के अलावा निर्दलीय सहित 2274 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है।

कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के स्टार प्रचारकों ने चुनाव सभाएं करके अपनी पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत झौंकी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी पार्टी की तरफ से मोर्चा संभाला तथा दावा किया कि कुछ समय पहले चली कांग्रेस की हवा बदल गयी है तथा मतदाता देश की सेवा करने वाली पार्टी भाजपा को ही अपना अमूल्य मत देकर सरकार बनवाएंगे।

मोदी ने कांग्रेस की नीति और नियत पर सवाल उठाते हुए मतदाताओं को भाजपा और दूसरी पार्टियों के बीच फर्क को समझाने का प्रयास किया। सभाओं में मोदी ने घुमावदार भाषण शैली से माहौल को काफी बदलने का प्रयास किया। मोदी के अलावा गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने भी चुनाव प्रचार काे गर्माएं रखा।

शाह ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित स्टार प्रचारकों ने 222 सभाएं तथा पन्द्रह रोड शो कर पार्टी के पक्ष में पूरा माहौल बना दिया है तथा भाजपा ही बहुमत से दुबारा सरकार बनाएगी।

चुनाव प्रचार की शुरुआत में ही विकास का मुद्दा पटरी से उतर गया और दोनों प्रमुख दलों ने जाति, धर्म, ग्रोत्र के साथ भगवान हनुमान को भी मुद्दा बनाया। हनुमान की जाति बताने के मामले में योगी बुरी तरह फंसे। भाजपा पर वोट के लिए धर्म को मुद्दा बनाने के आरोप लगे जबकि कांग्रेस नेताओं के मंदिर दर्शन को भी भाजपा के हिन्दुवाद की नकल माना गया।


कांग्रेस के पन्द्रह मुस्लिम उम्मीदवारों की तुलना में भाजपा का एक मुस्लिम उम्मीदवार चुनाव लड़ने से चुनावी माहौल की शुरुआत ही अलग तरह से हुई तथा बाद में इसमे काफी उछाल आया। शुरुआती दौर में कांग्रेस की बनी बढ़त तथा लहर धीरे धीरे कमजोर पड़ गई लेकिन मतदाताओं का रुख फिर भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है।

कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में राहुल गांधी, नवजोत सिंह सिद्धु तथा राजबब्बर ने मोर्चा संभाला और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने जगह जगह घूमकर राजनीतिक माहौल का पता लगाने का प्रयास किया तथा स्पष्ट बहुमत नहीं आने पर निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाने संभावना भी टटोली।

इस चुनाव में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा़ गिरिजा व्यास, सीपी जोशी, चार सांसदों, मंत्रियों और कई विधायकों सहित 2274 उम्मीदवारों का भाग्य तय होगा। इनमें राजे के सामने भाजपा को छोड़कर आए मानवेन्द्र सिंह ने तथा गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया के सामने पूर्व मंत्री गिरिजा व्यास, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट के सामने भाजपा के युनुस खान, विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल के सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक महावीर मोची, विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेन्द्र सिंह के सामने कांग्रेस के मनीष यादव तथा बागी आलोक ने चुनाव को रोचक बना दिया है।

भारत वाहिनी के घनश्याम तिवाड़ी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने भी भ्रष्टाचार में दाेनो पार्टियों की मिलीभगत के आरोप लगाए इन दोनों दलों ने कई स्थानों पर मुकाबले को त्रिकोणात्मक बना दिया। बसपा ने 191 सीटों पर आप ने 180 सीटों पर तथा वामपंथी दलों ने 44 सीटों पर उम्मीदवार खड़े कर मुकाबलें को संघर्षपूर्ण बना दिया।
बसपा की सुप्रिमोे मायावती तथा सपा के अखिलेश यादव ने भी चुनाव में चेहरा दिखाया लेकिन आप के नेता अरविन्द केजरीवाल का चेहरा देखने के लिए लाेग तरस गए।

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