Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
रीट परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई को दी जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी होता : पूनियां - Sabguru News
होम Headlines रीट परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई को दी जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी होता : पूनियां

रीट परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई को दी जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी होता : पूनियां

0
रीट परीक्षा पेपर लीक की जांच सीबीआई को दी जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी होता : पूनियां

जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक डा सतीश पूनियां ने आज विधानसभा में कहा कि अगर अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) पेपर लीक मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो को दी जाती तो दूध का दूध और पानी का पानी होता।

डा पूनियां राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक 2022 पर सदन में हुई चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि अच्छा होता यदि रीट की इस पूरी परीक्षा की जांच सीबीआई को दी जाती। दूध का दूध और पानी का पानी होता। सरकार क्यों पीछे हट रही है, इसका आज तक पता नहीं लगा। उन्होंने कहा कि लीपापोती के अलावा कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि प्रदेश की जितनी बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्याएं हैं, उसमें एक बड़ी समस्या नकल को प्रभावी रूप से रोकना है। इतने बड़े पैमाने पर नकल हुई, किस तरीके से लोग शामिल थे। क्या सरकार को उन नौजवानों के भविष्य के प्रति किसी तरह की चिन्ता नहीं थी।

डॉ.पूनियां ने कहा कि राजस्थान में इस समय कई बड़ी समस्याओं में से बेरोजगारी बड़ी समस्या है। राजस्थान में लगभग 32 प्रतिशत बेरोजगारी दर देश में सर्वाधिक है। पिछले दिनों 70 लाख बच्चों ने परीक्षा दी। सरकार घोषणा करती है और उस घोषणा के अनुरूप यदि वह कार्यान्वित भी कर दे तो तीन लाख बच्चे ज्यादा से ज्यादा लाभान्वित होंगे।

उन्होंने निवेदन किया कि राजस्थान के उन लाखों नौजवानों के लिए जो अवसाद में चले गए, जिनकी सम्पत्तियां बर्बाद हो गई, अनेक लोगों ने आत्महत्याएं कर लीं, बहुत पुरानी बात नहीं है, देवली के लोकेश मीणा का मामला इस तरीके का है जो सबके लिए रोंगटे खड़े करने वाला है। बहुत सारे लोग इसलिए उजागर नहीं हुए कि उनको इस बात का भय लगता है कि उनसे बड़ी पूछताछ होगी।

लेकिन राजस्थान के गांव-गांव से कहीं न कहीं इस तरह के नकल के संगठित गिरोह ने एक हजार करोड़ से भी ज्यादा पैसे का लेन-देन किया। मुझे लगता है कि यह किसी लोकतांत्रिक सरकार के लिए शर्मनाक है। अगर इस तरीके का बिल आता है तो मुझे लगता है कि इसको पहले जनमत जानने को परिचालित करके इसमें जो योग्य उपाय हों वह करें ताकि भविष्य में किसी भी नौजवान के साथ इस तरीके का खिलवाड़ ना हो।