नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के नेतृत्व की राजस्थान सरकार के संरक्षण में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसा चरमपंथी संगठन राज्य में दहशतगर्दी फैलाने की कोशिश कर रहा है।
राजस्थान भाजपा इकाई के अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सोमवार को यहां पार्टी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा से मुलाकात की और उन्हें राजस्थान के करौली शहर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा की घटना के संबंध में जानकारी दी।
पूनियां ने संवाददाताओं से कहा कि राजस्थान जैसे शांतिपूर्ण राज्य में जब जब कांग्रेस की सरकार आती है तब-तब प्रदेश में अमन चैन का माहौल बिगड़ जाता है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के संरक्षण में पहले प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) की गतिविधियां चलती थीं लेकिन अब उसका स्थान पीएफआई ने ले लिया है।
पूनियां ने आरोप लगाया कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की नैतिक जिम्मेदारी है कि वह राज्य की कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करे लेकिन वह पीएफआई जैसी देहशगर्द संगठन को संरक्षण देने में लगे हैं, इसलिए पीएफआई के हौसले बुलंद हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में बिगड़ती कानून -व्यवस्था को देखते हुए गहलोत को जिनके पास गृह मंत्रालय का विभाग भी है,को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान के करौली में बीते शनिवार को हिन्दू नववर्ष के मौके पर आयोजित एक जुलूस के दौरान पथराव हो गया और टकराव की स्थिति पैदा हो गई। इस टकराव ने साम्प्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया।
सोशल मीडिया पर पोस्ट पर 11 लोगों को नोटिस भेजा
भरतपुर सम्भाग के करौली में हुई हिंसा के बाद धौलपुर मे धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही आपसी वैमनस्य बढ़ाने वाली सोशल मीडिया की डाली गई पोस्ट को लेकर पुलिस और प्रशासन ने 11 लोगों को नोटिस भेजा है।
नोटिस में पुलिस ने सभी को पांच अप्रैल को न्यायालय में पेश होकर 10-10 हजार रूपए की जमानत मुचलके भरकर अपनी जमनात कराने के लिए नोटिस जारी किए है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस के निर्देश पर कोतवाली थाना पुलिस ने रविवार को सोशल मीडिया पर नजर रखी थी। पुलिस टीम ने करौली हिंसा के मामले में फेसबुक और दूसरे माध्यमों से धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने और हिंसा भड़काने के मामले में 11 लोगों को पाबंद करते हुए नोटिस जारी किए हैं।
धौलपुर पुलिस ने लोगो को चेतावनी जारी करते कहा है कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ ही आपसी वैमनस्य बढ़ाने वाली सोशल मीडिया की पोस्ट पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। इस तरीके से माहौल खराब करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी।