जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने पुलिस द्वारा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ किए गए व्यवहार की कड़ी निन्दा की।
बार-बार लोकतंत्र और सदभाव की बात करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शासन में किरोडी लाल मीणा पर की गई अलोतांत्रिक व तानाशाही कार्रवाई के विरोध में भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश के सभी जिलों में शुक्रवार को धरना प्रदर्शन करेगा।
डा पूनियां ने आज प्रदेश मुख्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस चिंतन शिविर करने जा रही है, पता नहीं चिंतन शिविर में किन बातों का चिंतन और मंथन करेगी, लेकिन राजस्थान की हकीकत यह है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी दंगा, अशांति का माहौल है, किसान और युवाओं से वादाखिलाफी की गई है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में बिगड़ी कानून व्यवस्था से जनसुरक्षा की मंशा पूरी तरह खत्म हो चुकी है, गहलोत ने राजस्थान को शर्मसार किया है कि भाजपा के वरिष्ठ सांसद और आदिवासियों की मुखर आवाज किरोडी लाल मीणा को पुलिस ने हिरासत में लेकर उदयपुर से जबरन बाहर भेज दिया, जबकि किरोड़ी लाल मीणा सांत्वना बैठक में उदयपुर गए हुए थे, गहलोत सरकार के शासन में पुलिस द्वारा किरोडी लाल मीणा के साथ किए गए इस घृणित कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बहन बेटियों पर प्रदेश में लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं और इसी कड़ी में राजगढ़ से कांग्रेस विधायक जोहरी लाल मीणा के बेटे और गहलोत सरकार में मंत्री महेश जोशी के बेटे पर जो आरोप लगे हैं, इन मामलों को सरकार द्वारा दबाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बिजली अधिकारी से मारपीट करने वाले विधायक को इतनी देरी से गिरफ्तार करना, और गिरफ्तारी में भी मुख्यमंत्री के इशारे पर पूरा ड्रामा करना यह साबित करता है कि कांग्रेस सरकार के शासन में आम आदमी से लेकर सरकारी कर्मचारी व अधिकारी कोई भी सुरक्षित नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी को ट्विटर पर टैग करने की सजा हमारी पार्टी के प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल को कांग्रेस सरकार द्वारा षडयंत्र पूर्वक फंसाया गया, जो लगभग 50 दिनों से जेल की सजा भुगत रहे हैं।
डा पूनियां ने कहा कि राजस्थान में हो रहे दंगे और हिंसा के पीछे यह लगता है कि कोई प्रायोजित संगठन किसी के संरक्षण में यह कार्य कर रहा है और इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि कोरोनाकाल में पीएफआई की रैली को कोटा में इजाजत देना और मुख्यमंत्री का पीएफआई प्रेम।
मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र में जोधपुर में दंगा होना और दूसरे दिन भी जोधपुर शहर को दंगाइयों के हवाले कर देना यह स्पष्ट करता है कि प्रायोजित तरीके से कोई संगठन यह दंगे करवा रहा है, और कांग्रेस सरकार दंगाइयों पर कार्रवाई करने के बजाय हाथ पर हाथ धरे बैठी है।
उन्होंने कहा कि करौली, जोधपुर, भरतपुर भीलवाड़ा और नोहर आदि क्षेत्रों में हिंसा और दंगे होना यह स्पष्ट करता है कि अशोक गहलोत बतौर मुख्यमंत्री और गृहमंत्री कानून व्यवस्था व शासन संभालने में पूरी तरह विफल हैं।
उन्होंने कहा कि यह तो पता नहीं कि कांग्रेस को चिंतन शिविर से क्या होगा, लेकिन राजस्थान जल रहा है और कांग्रेस चिंतन करने में व्यस्त है, पानी, बिजली संकट इत्यादि जन समस्याओं से प्रदेश जूझ रहा है। इन सब मुद्दों को लेकर राजस्थान की जनता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से जवाब मांगती है।
उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत का इस्तीफा सोनिया गांधी के पास रखा है तो मेरा सोनिया गांधी से निवेदन है कि राजस्थान की जनता के भले के लिए अशोक गहलोत का इस्तीफा स्वीकार करें।
सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस के व्यवहार पर भडके शेखावत