कोटा। राजस्थान के भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने 50 यूनिट फ्री बिजली का झूठा वादा कर बिजली ही गायब कर दी, अब राजस्थान की जनता अगले वर्ष कांग्रेस को हमेशा के लिए सत्ता से गायब कर देगी।
डा पूनियां शनिवार को सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अभी बिजली की अघौषित कटौती बड़ा मसला है, जिसकी सबसे बड़ी मार पड़ी विद्यार्थियों पर और जनघोषणा पत्र में यह वादा किया गया था कि हम सस्ती बिजली देंगे और बजट में कहा कि 50 यूनिट फ्री देंगे, फ्री की बात तो दूर जनता बिजली को तरस रही है।
उन्होंने कहा कि बिजली के बारे मेें जो सियासी बयान दिया गया उसकी पोल खुल गई, डीआईपीआर ने 24 अप्रैल को एक नोट जारी किया था, उसमें साफ तौर पर कहा गया था कि कोयले की हमारे यहां कमी नहीं है, लेकिन कोयले की कमी क्यों हो गई कि समय पर उठाया नहीं, 600 करोड़ का बकाया भी नहीं चुकाया, ऐसे में राजस्थान की जनता को गुमराह कर बिजली की किल्लत को और ज्यादा पुख्ता किया।
डा पूनियां ने कहा कि गहलोत सियासी बयानबाजी करते हैं, राजस्थान की जनता की सुरक्षा की बजाए अपनी सुरक्षा और कुर्सी की चिंता ज्यादा है। इस समय पेयजल का भीषण संकट है और टैंकर माफिया ज्यादा पनपे हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दस दिन में किसानों का कर्जा माफ करने का वादा किया था लेकिन वादाखिलाफी हुई और बहुत सारे किसान है जिनको आत्महत्या करनी पड़ी। नौ हजार से भी ज्यादा किसानों की जमीनें नीलाम हो गई और इस कर्जामाफी का छलावा हुआ वो राजस्थान के किसानों के साथ कांग्रेस की बड़ी वादाखिलाफी है।
उन्होंने कहा कि सेन्टर ऑफ मॉनिटरिंग इंडियन इकोनोमी संस्था का सर्वे कहता है कि देश की सर्वाधिक बेरोजगारी 32.03 प्रतिशत दर राजस्थान में है। राजस्थान में बेरोजगारों का मोटे तौर पर आंकड़ा है 70 लाख विद्यार्थियों ने परीक्षा दी और परीक्षा में भी कोढ में खाज का काम हुआ जब रीट की परीक्षा में धांधली हुई, इसमे राजनैतिक संरक्षण था ये बात डीपी जारौली अपने बयान में स्वीकार कर चुके थे। लेकिन इसमें भी लीपापोथी करके बेरोजगारों के साथ अन्याय किया।
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ते के लिए झूठ बोला गया, राजस्थान के लगभग इसी तरीके के जो काबिल लोग थे जो भत्ते के पात्र थे 30 लाख के लगभग थे, जिनमें से 4 लाख 11 हजार को भत्ता देकर इतिश्री करली, उसमें भी इंटर्नशिप का बैरियर लगा दिया, जिसका बेरोजगारों ने विरोध किया।
डा पूनियां ने कहा कि राजस्थान के लिए सबसे बड़ी चुनौती के बारे में यदि पूछा जाए तो यकीन माने राज्य की कानून व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती है। 6 लाख से भी ज्यादा एफआईआर दर्ज होना ये इस बात को साबित करता है कि पुलिस व सरकार का इकबाल खत्म हो गया है, जिस प्रकार एक के बाद एक घटना घटित होती हैं प्रदेश में चौकाने वाला आंकड़ा है कि औसतन 18 बलात्कार रोज होते हैं और 60 हत्याएं प्रतिदिन होती हैं, 2021-22 के फिगर में 6337 ये केवल महिलाओं के प्रति हैं जिसमें दुष्कर्म, उत्पीड़न व बलात्कार की घटनाएं हैं।
थानागाजी की गैंगरेप की घटना से अलवर की निर्भया तक उसके बाद जो दरिंदगी लगातार दिखती है कि किस तरह से दौसा की घटना हुई, चित्तौड़गढ़ में 3 साल की बच्ची के साथ इस तरह से लम्बी फेहरिस्त है।
उन्होंने कहा कि एक बड़ा मसला है किसान कर्जामाफी, बेरोजगारी व कानून व्यवस्था इत्यादि मुददों के साथ ही भ्रष्टाचार राजस्थान में चरम पर है, भ्रष्टाचार में 22 प्रतिशत के मामलों की बढ़ोतरी हुई है। एक सर्वे में बताया हर 32 किमी पर एक अफसर ट्रेप होता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से जब पूछा था कि तबादलों के लिए क्या पैसे देने पड़ते हैं तो सबने स्वीकारा मतलब पब्लिक डोमेन में ये बात कही गई और मुख्यमंत्री का फिर एक बयान आता है कि मेरे महकमे में भ्रष्टाचार है तो मैं क्या कर सकता हूं। इस कारण भ्रष्टचार ने राजस्थान की व्यवस्था को चौपट किया है।
उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना व चिकित्सा व्यवस्था कई बार तो लगता है कि राजस्थान सरकार की चिकित्सा व्यवस्था खुद वेंटिलेटर पर है, मुख्यमंत्री का प्रोजेक्ट फ्री मेडिसिन का भी उल्लेख आता है जिसका स्टिंग हुआ तो कई दवाईयां मरीजों को बाजार से लेनी पड़ती हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार का 40 महीनों का ये शासनकाल चौतरफा विफलता का शासन है। गहलोत का गृहमंत्री होना राजस्थान के लिए दुर्भाग्य है, अब ये लगता है कि इनका राजस्थान का मुख्यमंत्री होना भी दुर्भाग्य है।