अजमेर। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश महामंत्री भजनलाल ने कहा है कि दिसंबर तक होने वाले संगठनात्मक चुनाव में प्रदेश अध्यक्षों का एक बार फिर निर्वाचन हो सकता है। शहर भाजपा की ओर से संगठन पर्व के तहत सदस्यता अभियान कार्यशाला में शिरकत करने आए भजनलाल ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वर्तमान अध्यक्ष की नियुक्ति केंद्र स्तर पर संगठन को ध्यान में रखकर की गई है। दिसंबर तक होने वाले संगठनात्मक चुनाव में प्रदेश अध्यक्षों का एक बार फिर निर्वाचन हो सकता है। उन्होंने कहा कि संगठन अध्यक्ष के चुनाव पूर्ण रूप से होंगे।
उन्होंने कहा कि संगठन की चुनाव प्रक्रिया आगामी पंद्रह दिसंबर तक संपन्न हो जाएगी। प्रदेश में चलाए गए सदस्यता अभियान में सात लाख प्राथमिक सदस्य बनाए गए है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास करती है, इतना ही नहीं उसका आंतरिक लोकतंत्र मे भी विश्वास है यही कारण है कि संगठन पूरी चुनाव प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से पूरा कर रही है। अजमेर शहर में भी 70 हजार से ज्यादा प्राथमिक सदस्य बनाए गए हैं।
राज्य की कांग्रेस सरकार को घेरते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश का जनमानस इस ऊहा पोह में है कि राज्य में सरकार है भी या नहीं। मुख्यमंत्री दिल्ली जाते है और लौटते हैं तो उपमुख्यमंत्री दिल्ली पहुंच जाते हैं। दोनों की होड़ में सरकार का राजस्थान की ओर ध्यान नहीं है। प्रदेश की कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, लूट की घटनाएँ, थाने से बंदी को छुड़ाया जाना प्रदेश के ऐसे हालात है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने भी प्रदेश की बिगड़ी कानून व्यवस्था को स्वीकार किया है।
अजमेर का जिक्र करते हुए उन्होंने चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा का गृह जिला होने के बावजूद अस्पतालों की बिगड़ी हालातों पर सवाल उठाया तथा कहा कि अस्पताल में जांचों का काम नहीं हो रहा, जांच की मशीनें खराब है, बच्चों के वार्डों की हालात दयनीय है।
उन्होंने कहा कि मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है और संगठन इसे सेवा सप्ताह के रूप में मना रही है। कश्मीर से अनुच्छेद 370 एवं 35ए के हटाने के ऐतिहासिक फैसले पर संगठन की ओर से जनसंपर्क एवं जनजागरण का कार्यक्रम भी है।
इस मौके पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं विधायक वासुदेव देवनानी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन में राजस्थान में शिक्षा का बंटाधार हो चला है। उच्च शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े कुलपति एवं प्राचार्यों को सरकार के एजेंट के रूप में काम करने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
उन्होंने छात्रसंघ चुनाव के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री द्वारा एनएसयूआई उम्मीदवारों को जिताने के लिए विहिप जारी करने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। कोटा विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए देवनानी ने कहा कि वहां लोकतंत्र की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गई है।