जयपुर | राजस्थान सरकार के परिवर्तित बजट अनुमान 2019-20 में 27 हजार 14 करोड़ 97 लाख रुपए का राजस्व तथा 32 हजार 678 करोड़ 34 लाख रुपए का राजकोषीय घाटा अनुमानित है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में परिवर्तित बजट अनुमान 2019-20 प्रस्तुत करते हुए बताया कि वर्ष 2019-20 के परिवर्तित बजट अनुमानों में दो लाख 32 हजार 944 करोड़ एक लाख का व्यय अनुमानित है। इस बजट में राजस्व व्य एक लाख 91 हजार 19 करोड़ 61 लाख रुपए और राजस्व प्राप्तियां एक लाख 64 हजार चार करोड़ 64 लाख अनुमानित की गई है। इस प्रकार 27 हजार 14 करोड़ 87 लाख का राजस्व घाटा अनुमानित है।
इसमें राजकोषीय घाटा 32 हजार 678 करोड़ 34 लाख रुपए होना अनुमानित है जो कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3़19 प्रतिशत रहना संभावित है। परिवर्तित बजट अनुमानों में कुल ऋण एवं अन्य दायित्व, राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 33़13 प्रतिशत रहना अनुमानित है।
राजस्थान में बजरी समस्या के समाधान के लिए मैन्यूफैक्चर्ड सेंड को बढ़ावा देने के साथ राजस्थान एम सेंड नीति 2019 लाई जायेगी।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज विधानसभा में परिवर्तित बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुए कहा कि उम्मीद है कि जल्द न्यायालय से इस समस्या का समाधान होगा, तब तक बाजार में बजरी उपलब्ध रहे, इसके लिए तात्कालिक समाधान ढूंढने के साथ दीर्घकालीन विकल्प के रुप में मैन्यूफैक्चर्ड सेंड को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान एम सेंड नीति 2019 लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेशों से बजरी खनन पर प्रतिबंध है। इस समय ऐसी परिस्थितियां पैदा हो गई है जिसके कारण अवैध खनन बढ गया है। इससे राज्य में बजरी माफिया पनप गये है। पिछली सरकार ने अवध खनन रोकने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि भ्रष्टचार की इस बहती गंगा में ईमानदार लोग भी भ्रष्ट हो गये है। यह गंगा किसने बहाई , यह जांच का विषय है।
उन्होंने कहा कि जन घोषणा पत्र में अंकित संकल्प के अनुसार राजस्थान खनिज नीति 2015 की समीक्षा कर अप्रधान खनिज के नियमों का सरलीकरण किया जायेगा। साथ ही अवैध खनन एवं निर्गम पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सतर्कता शाखा का पुनर्गठन किया जायेगा।