जयपुर। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने विधानसभा में प्रस्तुत राज्य बजट को चुनाव के रंग से सना बजट बताते हुए कहा है कि यह बजट आम लोगों के लिए फीका है जिसमें विकास का विजन नहीं, चुनाव का सीजन दिखाई देता है।
राजे ने अपनी बजट प्रतिक्रिया में यह बात कही। उन्होंने कहा कि इसमें लोकनीति का अभाव और राजनीति का प्रभाव है। इसमें विकास का विजन नहीं, चुनाव का सीजन दिखाई देता है। चुनाव के रंग से सना यह बजट आम लोगों के लिए फीका ही है।
उन्होंने कहा कि बजट में महिलाओं, किसानों एवं युवाओं सहित हर वर्ग को मृग मरीचिका दिखाने की कोशिश है। बजट में युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास किया गया है। उन किसानों को कृषि बजट के नाम से छलने की कोशिश की गई है, जिन किसानों के मन में दो लाख तक का कर्जमाफ करने का वादा पूरा नहीं करने की कसक है।
राजे ने कहा कि राजस्थान के पहले बजट से लेकर मार्च 2019 तक प्रदेश पर कुल क़र्ज़ा तीन लाख करोड़ था, जो इस सरकार के कार्यकाल में बढ़कर सात लाख करोड़ से अधिक हो जायेगा। साथ ही 2019 में जो क़र्ज़ राजस्थान के हर व्यक्ति पर 36 हज़ार 782 था, वह इस सरकार के कार्यकाल में 86 हज़ार 439 हो जाएगा। अतः मुख्यमंत्री ने राज्य को कंगाली के कगार पर खड़ा कर दिया है।
उन्होंने कहा कि पिछले बजट की 1029 घोषणाओं में से 350 ही ज़मीन पर आई है। ऐसे में इस बजट की घोषणाओं का भी वही हश्र होने वाला है।