जयपुर। राजस्थान में अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का इसी माह में विस्तार में होने की संभावना है।कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने आज यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके साथ ही राजनीतिक नियुक्तियां भी शीघ्र कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन को राजस्थान का मसला इसी माह हल करने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते मंत्रिमंडल विस्तार एवं राजनीतिक नियुक्तियां पर कार्यवाही की जा रही है।
वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में बैठक करने के बाद सड़क मार्ग से ही दिल्ली रवाना हो गए। शनिवार को दोनों नेता सड़क मार्ग से ही जयपुर आए थे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से देर रात मंत्रणा के बाद रविवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अगुवाई में आयोजित बैठक में विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों ने दोनों नेताओं के स्वागत के लिए आयोजित की गई थी। लेकिन बैठक में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और प्रभारी महासचिव अजय माकन ने विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक करके चर्चा की।
इस बैठक में मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक और संगठनात्मक नियुक्तियों का फैसला हाईकमान पर छोड़ने पर सहमति जताई। अब श्री माकन विधायकों का मन टटोलने फिर से 28 जुलाई को जयपुर आएंगें। वे लगातार दो दिन 28 और 29 जुलाई को प्रत्येक विधायक से फीडबैक लेंगे।
गौरतलब है कि गहलोत मंत्रिमंडल में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट समर्थकों के साथ, सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय एवं बहुजन समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की चुनौती है। गहलोत सरकार में नौ और मंत्री बनाए जा सकते हैं।
पायलट अपने छह समर्थकों को मंत्री बनाना चाहते हैं। पायलट एवं 18 अन्य विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ पिछले वर्ष बगावत की थी लेकिन बाद में वह वापस पार्टी में आ गए। उनके दो समर्थकों विश्वेन्दसिंह एवं रमैश मीणा को मंत्री पद खोना पड़ा।
पायलट की बगावत के बाद हुए समझौते के बाद अब राजनीतिक परिस्थितियां अलग हो गई है। की पायलट समर्थक विधायक मुख्यमंत्री के पाले में आ गए हैं। सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल विस्तार से पहले गहलोत आलाकमान से मिलने दिल्ली भी जा सकते हैं। गहलोत के सामने नए विधायकों मंत्री बनाने के लिए कुछ मौजूदा मंत्रियों को हटाने का भी दबाव है।