जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में मंत्रिमंडल पुर्नगठन के बाद जहां सामान्य एवं अन्य पिछड़ा वर्ग से आठ-आठ मंत्रियों ने अपनी जगह बनाई है वहीं इसमें सर्वाधिक चार-चार मंत्री बनने से जयपुर और भरतपुर जिले ने भी अपना दबदबा बनाया है।
रविवार को मंत्रिमंडल पुर्नगठन के तहत 15 मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल में सामान्य एवं ओबीसी वर्ग से आठ-आठ मंत्री हो गए, इनमें सर्वाधिक पांच मंत्री जाट समाज से हैं।
जाट मंत्री बनने वालों में कैबिनेट मंत्री हेमाराम चौधरी, रामलाल जाट, लालचंद कटारिया एवं विश्वेन्द्र सिंह तथा राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला शामिल हैं तथा ओबीसी की पटेल जाति से उदय लाल आंजना, यादव में राजेन्द्र सिंह यादव विश्नोई में सुखराम विश्नोई मंत्री हैं।
मंत्रिमंडल में सामान्य वर्ग में राजपूत समाज से कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास तथा राज्य मंत्री भंवर सिंह भाटी एवं राजेन्द्र गुढ़ा शामिल हैं। वैश्य में कैबिनेट मंत्री शांति लाल धारीवाल एवं प्रमोद जैन भाया तथा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग मंत्री बनने में सफल रहे हैं। इसी तरह ब्राह्मण समाज से कैबिनेट मंत्री बी डी कल्ला और महेश जोशी मंत्री बनने वालों में शामिल हैं।
मंत्रिमंडल में अनसूचित जनजाति वर्ग से पांच मंत्री हैं तथा दलित वर्ग से चार मंत्री हैं जो चारों ही कैबिनेट मंत्री हैं जबकि अल्पसंख्यक एवं अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) से दो-दो मंत्री बने है।
अनुसूचित जनजाति वर्ग से कैबिनेट मंत्री परसादी लाल मीणा, महेन्द्रजीत सिंह मालवीय एवं रमेश मीणा तथा राज्य मंत्री अर्जुन लाल बामनिया एवं मुरारी लाल मीणा शामिल है। इसी तरह दलित वर्ग से ममता भूपेश, टीकाराम जूली, भजन लाल जाटव एवं गोविंद मेघवाल मंत्री बने हैं।
जबकि एमबीसी वर्ग के गुर्जर समाज से कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत एवं राज्य मंत्री अशोक चांदना तथा अल्पसंख्यक वर्ग में कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद एवं राज्य मंत्री जाहिदा शामिल हैं।
गहलोत मंत्रिमंडल में जहां जयपुर और भरतपुर जिले से सबसे अधिक चार-चार विधायक मंत्री बन चुके हैं जबकि प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिले ऐसे हैं जहां किसी कांग्रेस एवं निर्दलीय विधायक को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला हैं। केवल सत्रह जिलों से ही विधायक मंत्री बने हैं।
जोधपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अलावा कोई मंत्री नहीं हैं जबकि अजमेर, नागौर, उदयपुर, प्रतापगढ़, डूंगरपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, सिरोही, धौलपुर, टोंक, सवाईमाधोपुर, राजसमंद जिले से कोई मंत्री नहीं है।
मंत्रिमंडल में बीकानेर एवं दौसा से तीन-तीन मंत्री हैं जबकि बांसवाड़ा, अलवर और झुंझुनूं में दो-दो जबकि बाड़मेर, जैसलमेर, भीलवाड़ा, करौली, कोटा, बारां, चित्तौड़गढ, बूंदी, जालौर से एक-एक मंत्री हैं।
गहलोत मंत्रिमंडल के पुर्नगठन में वर्ष 2023 में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जातीय समीकरण को साधते हुए सभी वर्गों का ध्यान रखा गया हैं। फेरबदल के बाद मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित तीस मंत्री हो गए हैं।