जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने अधिकारियों को गेम चेंजर बताते हुए कहा है कि वे अपनी सेवाओं से प्रदेश की तस्वीर बदल सकते हैं।
राजे शनिवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के अधिवेशन में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश का भविष्य वहां के अधिकारियों की कार्यशैली से तय होता है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार टीम राजस्थान ने बेहतर कार्य करते हुए प्रदेश को अग्रणी राज्यों में शामिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, वह सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि एक ऐसा परिवार है जिसे जनता की सेवा का विशेष अवसर मिला है। इस पर खरा उतरकर राजस्थान का भविष्य संवार सकते हैं।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचारों को जानने के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन पिछले चार वर्ष में इस क्षेत्र में राजस्थान ने इतनी प्रगति की है कि देश के दूसरे राज्य हमारे नवाचारों को अपना रहे हैं।
इसी तरह प्रदेश में आप सबके सहयोग से शिक्षा, भामाशाह, मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन, न्याय आपके द्वार, भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना, अन्नपूर्णा रसोई, स्वच्छ भारत मिशन सहित कई योजनाएं सफलतापूर्वक लागू हुईं हैं, जिनसे प्रदेश का मान बढ़ा है।
राजे ने कहा कि अधिकारी आमजन के लिए ‘समस्या का अंतिम पड़ाव‘ बनें। उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में अधिक से अधिक समय बिताएं और लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को दूर करना चाहिए।
मुख्य सचिव एनसी गोयल ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन आप सब अधिकारियों के बिना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि आपके सामूहिक प्रयासों से ही योजनाओं को गति मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो पैसा राहत, बाढ़ सहायता, कृषि अनुदान और मुआवजों के लिए स्वीकृत कर दिया है, उसे तत्काल प्रभाव से पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाएं ताकि उन्हें समय पर इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अधिकारी राज्य सरकार की बजट घोषणा के त्वरित क्रियान्वयन पर भी ध्यान दें।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद् के अध्यक्ष पवन अरोड़ा ने परिषद् की गतिविधियों की जानकारी दी और सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर शासन सचिव कार्मिक भास्कर सावंत तथा परिषद् के अन्य पदाधिकारी और प्रदेशभर से आए आरएएस अधिकारी उपस्थित थे।