जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का आज यहां शुभारम्भ किया। गहलोत ने यहां टनल चौराहा स्थित अम्बेडकर भवन में आयोजित समारोह में इस योजना का शुभारंभ किया।
राज्य सरकार का ध्येय है कि प्रदेश में हर व्यक्ति की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो। हर हाथ को रोजगार मिले। कोई जरूरतमंद, असहाय या गरीब वर्ग का व्यक्ति अपनी आजीविका से वंचित नहीं रहे और इसी मकसद से इस योजना की शुरुआत की गई हैं और यह शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने की देश की सबसे बड़ी रोजगार योजना है।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने योजना के तहत खानिया की बावड़ी के जीर्णोद्धार कार्यक्रम का शुभारम्भ भी किया। श्री गहलोत ने श्रमदान भी किया और श्रमिकों से संवाद भी किया। इस दौरान जॉब कार्ड भी दिए और काम के लिए औजार भी दिए गए।
उल्लेखनीय है कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना शुरू की गई थी। इस योजना के सकारात्मक परिणाम के मद्देनजर देशभर में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर आसानी से सुलभ होने लगे। मुख्यमंत्री ने इसी को ध्यान में रखते हुए शहरी क्षेत्रों में भी मनरेगा की तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना शुरू करने का ऎतिहासिक निर्णय लिया और इस वित्त वर्ष के बजट में इस योजना की घोषणा की।
योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार व्यक्तियों को आजीविका अर्जन की दृष्टि से प्रतिवर्ष 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है। राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान रोज़गार छिनने से जो परिवार कमज़ोर और असहाय हो गए हैं। उन्हें भी इस योजना से बड़ा संबल मिल सकेगा।
योजना का क्रियान्वयन स्थानीय निकाय विभाग के माध्यम से किया जाएगा। योजना के तहत जॉब कार्डधारी परिवार को 100 दिवस का गारंटीशुदा रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें जॉब कार्डधारी परिवार के 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी सदस्य पात्र हैं। योजना में पंजीयन जन आधार कार्ड के माध्यम से किया जा रहा है। एक परिवार के सदस्यों को अलग-अलग पंजीयन कराने की आवश्यकता नहीं है।
जिन परिवारों के जन आधार कार्ड उपलब्ध नहीं हैं, वे ई-मित्र या नगरपालिका सेवा केंद्र पर जन आधार के लिए आवेदन कर उसके क्रमांक के आधार पर जॉब कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे। योजना में आवेदन ई-मित्र के माध्यम से निःशुल्क किया जा सकता है। आवेदन करने के पश्चात 15 दिन में रोज़गार उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। पारिश्रमिक का भुगतान सीधे जॉब कार्डधारी के खाते में किया जाएगा।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए 2569 विभिन्न पदों पर कार्मिकों की नियुक्ति की जा चुकी है। साथ ही सभी निकायों के संबंधित कार्मिकाें एवं ई-मित्र संचालकों का प्रशिक्षण पूर्ण कराया जा चुका है। राज्य सरकार का प्रयास है कि इस योजना का धरातल पर प्रभावी क्रियान्वयन हो। इसके लिए राज्य, संभाग, जिला एवं निकाय स्तर पर समितियों का गठन भी कर दिया गया है। योजना की सतत मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी।
योजना में श्रम एवं सामग्री का अनुपात निकाय स्तर पर 75ः25 में निर्धारित किया गया है। विशेष प्रकृति की तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत तथा तकनीकी विशेषज्ञों एवं कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25ः75 हो सकेगा। योजना में पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य, कन्वर्जेशन कार्य, हेरिटेज संरक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे।
योजना में अब तक लगभग 2 लाख 25 हजार से अधिक जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इनके माध्यम से पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है। समस्त 213 निकायों में 9 हजार 593 कार्य चिह्नित किए गए हैं और सभी नगरीय निकायों का बजट भी आवंटित कर दिया गया है। चिह्नि कार्यों की अनुमानित राशि करीब 658 करोड़ रूपए है। लगभग छह हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी जारी की जा चुकी है।