जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राजस्थान को लेकर नाराजगी को खारिज करते हुये कहा है कि दिल्ली में उनकी गांधी से कोई बात भी नहीं हुई।
दिल्ली दौरे के सात दिन बाद गहलोत ने आज यहां मीडिया से कहा कि 16 अक्टूबर को राहुल गांधी से मेरी कोई मुलाकात हुई ही नहीं, हम लोग कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में मिले थे। तब एक दूसरे का आमना सामना हुआ था लेकिन कोई मुलाकात नहीं हुई। गहलोत ने कहा कि इस बैठक में प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और अजय माकन थे। उन्होंने कहा कि इसके बारे में मीडिया में जो बाते आई उससे मुझे बडी शर्म आती है कि मीडिया कहां जा रहा है।
गांधीवादी नेता सुब्बाराव से मिलने के बाद गहलोत ने मीडिया से कहा कि दिल्ली दौरे में उनकी न तो सोनिया गांधी और न ही राहुल गांधी से मुलाकता हुई है। इस बैठक के बारे में मीडिया में छपी खबरों का गहलोत के मीडिया प्रभारी ने भी तीन दिन पहले खंडन किया था। गहलोत ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान को राजस्थान के नेताओं पर विश्वास है यही कारण है कि प्रदेश के भंवर जितेन्द्रसिंह पहले से ही महामंत्री थे अब डा रघु शर्मा को गुजरात तथा हरीश चौधरी को पंजाब की जिम्मेदारी दी गई है।
उन्होंने कहा कि पहले ही जुबेर खान, धीरज गुर्जर और कुलदीप इंदौरा उत्तर प्रदेश में पार्टी का काम निष्ठा से कर रहे है। राज्य में बिजली की कमी की चर्चा करते हुए गहलोत ने कहा कि पूरे उत्तर भारत में बिजली की समस्या हुई थी लेकिन हमने काफी कुछ सुधार किया जिससे कटौती बहुत कम हो रही है।
धरियावद और वल्लभनगर विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत बताते हुए गहलोत ने कहा कि हम दोनों उपचुनाव जीतेंगें भाजपा यहां चौथे स्थान पर रहेगी। उत्तर प्रदेश में भरतपुर के दलित परिवार को ले जाकर पुलिस द्वारा पीटने की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में भरतपुर के पुलिस महानिरीक्षक से पूरे प्रकरण की जानकारी मांगी गई है तथा इसके बाद वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष यह मुद्दा उठाएंगे।