Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
लॉकडाउन की पालना से कोरोना के खतरे को कर पाएंगे कम : अशोक गहलोत - Sabguru News
होम Headlines लॉकडाउन की पालना से कोरोना के खतरे को कर पाएंगे कम : अशोक गहलोत

लॉकडाउन की पालना से कोरोना के खतरे को कर पाएंगे कम : अशोक गहलोत

0
लॉकडाउन की पालना से कोरोना के खतरे को कर पाएंगे कम : अशोक गहलोत

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वैश्विक महामारी कोरोना की स्थिति एवं मृत्यु दर चिंता जताते हुए कहा है कि हमें लॉकडाउन की और अधिक सख्ती से पालना करने के साथ ही सामाजिक व्यवहार में संयम और अनुशासन को लगातार बरकरार रखना होगा। तभी हम कोविड के खतरे को कम कर पाएंगे।

गहलोत शुक्रवार रात वीडियो कांफ्रेस के जरिए कोरोना, लॉकडाउन तथा संसाधनों की उपलब्धता सहित अन्य संबंधित विषयों पर उच्च स्तरीय समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए जन अनुशासन पखवाड़ा एवं महामारी रेड अलर्ट जन अनुशासन लॉकडाउन जैसे सख्त कदमों का असर दिखने लगा है, लेकिन संक्रमण की स्थिति एवं मृत्यु दर अभी भी चिंताजनक बनी हुई है।

ऐसे में हमें लॉकडाउन की और अधिक सख्ती से पालना करने के साथ ही सामाजिक व्यवहार में संयम और अनुशासन को लगातार बरकरार रखना होगा।तभी हम कोविड के खतरे को कम कर पाएंगे।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग जिला अस्पतालों,मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में सीएचसी, पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य सेवाएं सुदृढ़ करने के लिए योजनाबद्ध रूप से काम आगे बढ़ाएं। पहली, दूसरी लहर के अनुभव के आधार पर तीसरी लहर के लिए पुख्ता तैयारियां सुनिश्चित की जाएं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने संकट की इस घड़ी में लोगों का जीवन बचाने के लिए हरसंभव प्रयास सुनिश्चित किए हैं, लेकिन शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना काफी फैला है। युवा एवं बच्चे भी संक्रमण की चपेट में आए हैं। ऐसी विषम परिस्थिति का सामना करने के लिए सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदेश भर में चिकित्सा सुविधाओं को और मजबूत बनाना है।

उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस जैसी जानलेवा बीमारी के मामले सामने आना भी चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि इसके उपचार में किसी तरह की कमी नहीं रहे और लोगों को इससे बचाव के लिए जागरूक भी किया जाए।