जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्र की मोदी सरकार के खाद्य पदार्थों पर वस्तु सेवा कर (जीएसटी) लगाने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण एवं गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वाला कदम बताते हुए कहा है कि इस जनविरोधी कदम को अविलंब वापस लेना चाहिए।
गहलोत ने आज मीडिया से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में मोदी सरकार द्वारा खुदरा में मिलने वाले आटा, दाल, चावल, गुड़, गेहूं, बाजरा, ज्वार, दूध, दही, पनीर, छाछ आदि खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला किया है। आजादी के 75 वर्षों में पहली बार आवश्यक खाद्य पदार्थों पर टैक्स लगाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह गरीबों के मुंह से निवाला छीनने वाला कदम है। इस निर्णय के विरोध में देशभर में मंडियां बन्द रखी जा रही हैं जिससे स्पष्ट होता है कि इस कदम से जनता में कितना आक्रोश है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इस जनविरोधी कदम को अविलंब वापस लेना चाहिए।
दिवंगत अहमद पटेल पर आरोप लगाना निंदनीय
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गुजरात पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा तीस्ता सीतलवाड़ के हवाले से दिवंगत अहमद पटेल पर आरोप लगाना निंदनीय एवं राजनीतिक द्वेष की भावना का प्रतीक है।
गहलोत ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि पिछले गुजरात चुनाव से पूर्व भी भाजपा नेताओं द्वारा पटेल पर आरोप लगाए गए थे। आज अहमद पटेल अपना पक्ष रखने के लिए हमारे बीच में नहीं हैं तो राजनीतिक लाभ के लिए उन पर मिथ्या आरोप लगाए जा रहे हैं। यह बदले की राजनीति भाजपा-आरएसएस के चरित्र का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर आरोप लगाकर भाजपा राजनीतिक प्रतिशोध की पराकाष्ठा दिखा रही है। एक पाकिस्तानी व्यक्ति द्वारा लगाए गए छिछले आरोपों पर पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी जैसे व्यक्तित्व पर सवाल उठाना भी भाजपा का असली चेहरा दिखाता है।