जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि कांग्रेस जनघोषणा पत्र के करीब अस्सी प्रतिशत वादे पूरे कर लिए गए एवं बीस प्रतिशत प्रगतिरत हैं तथा 94 प्रतिशत बजट घोषणाओं की स्वीकृति हो गई हैं और आज प्रदेश करीब चार गुना गति से आगे बढ़ रहा है और इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे।
गहलोत आज विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 1993 से लगातार राजस्थान में ऐसी परम्परा बन गई कि हर बार सरकार बदल जाती है। सरकार के ढाई-तीन साल बाद ही एंटी इंकंबेंसी हावी हो जाती है और सत्ताधारी पार्टी उपचुनावों में हारती है। भाजपा के शासन में वर्ष 2013 से 2018 तक हुए आठ उपचुनावों में से छह में भाजपा हारी थी। परन्तु इस बार राजस्थान में प्रो इंकंबेंसी साफ दिख रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 से अभी तक हुए नौ उपचुनावों में से सात उपचुनाव कांग्रेस जीती है। नगरीय निकाय, पंचायतीराज सभी चुनावों में कांग्रेस जीती है। हमारी पार्टी के जनघोषणा पत्र के करीब 80 प्रतिशत वादे पूरे कर दिए गए और बाकी 20 प्रतिशत प्रगतिरत हैं। 94 प्रतिशत बजट घोषणाओं की स्वीकृति निकल गई हैं। इसिलए जो घोषणा हुई उस पर काम शुरू हो गया। इसका असर है कि राजस्थान की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कारण 11.04 प्रतिशत आर्थिक विकास दर के साथ देश के सबसे तेजी से आगे बढ़ रहे राज्यों में राजस्थान दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2018-19 में जब भाजपा की सरकार थी तब आर्थिक विकास दर महज 2.37 प्रतिशत थी। आज करीब चार गुना गति से प्रदेश आगे बढ़ रहा है। आज प्रदेश भाजपा राज की बदहाली को बहुत पीछे छोड़ चुका है।
उन्होंने कहा कि आप हमारी फ्लैगशिप योजनाओं को बन्द करेंगे। चिरंजीवी, इन्दिरा रसोई, शहरी रोजगार, उड़ान और ओपीएस बन्द कर देंगे। जैसे पिछले कार्यकाल में रिफाइनरी, मेट्रो, जोधपुर में बार काउंसिल हॉल, नई सड़क पार्किंग का काम बंद किया था। इस बार राज नहीं, रिवाज बदलेंगे, राजस्थान के हाल बदलेंगे। राजस्थान अब इस सबको पीछे छोड़कर आगे बढ़ गया है। जनता अब आपके झांसे में नहीं आने वाली नहीं हैं। आप दंगा-फसाद की राजनीति से सत्ता हासिल करने का सोचते थे पर हमारी सरकार ने शांति एवं अहिंसा विभाग बना दिया है जिससे प्रदेश में शांति स्थापित हो।
गहलोत ने केन्द्रीय बजट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का बजट राजस्थान के लिए काफी निराशाजनक रहा क्योंकि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर बजट में कोई घोषणा नहीं की गई।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2014 के बाद बने नए मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग कॉलेज खोलकर राजस्थान मॉडल अपनाया है क्योंकि हमारे यहां सभी राज्यों में नर्सिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं। हमारी रूरल टूरिज्म पॉलिसी की तर्ज पर केन्द्र सरकार देखो अपना देश योजना लेकर आई है।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि बजट पांच प्रतिशत, फसल बीमा बजट 12 प्रतिशत, किसान सम्मान निधि का बजट 13 प्रतिशत, मनरेगा का बजट 33 प्रतिशत, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना का बजट 31 प्रतिशत, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन का बजट 30 प्रतिशत, केमिकल फर्टिलाइजर का बजट 21 प्रतिशत एवं ग्रामीण विकास का बजट 12 प्रतिशत कम किया है जो यह दिखाता है कि यह बजट आम लोगों एवं किसानों को कोई राहत नहीं देने वाला है।
मुख्यमंत्री ने राजस्थान सरकार के नवाचारों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में किसान बजट को 94 प्रतिशत बढ़ाया जो लगभग दोगुना है। चिरंजीवी योजना यूनिवर्सल हेल्थ केयर, इन्दिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत पहली बार शहरों में रोजगार की गारंटी, पूरे प्रदेश में मनरेगा में 25 अतिरिक्त दिन, उड़ान योजना में 12 सैनिटरी नैपकिन प्रतिमाह देने वाला एकमात्र राज्य, इन्दिरा रसोई याेजना में आठ रुपये में ताजा एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की सबसे बड़ी योजना, महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल के तहत प्रदेश में पहली बार खोले गए सरकारी अंग्रेजी मीडियम स्कूल, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में देश में सर्वाधिक लगभग एक करोड़ लाभार्थियों को पेंशन देने वाला एकमात्र राज्य, पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) बहाल करने वाला देश का पहला राज्य, अनुप्रति कोचिंग योजना में निजी क्षेत्र में कोचिंग लेने वाले बच्चों को आर्थिक सहायता एवं राजीव गांधी एकेडमिक स्कॉलर्शिप स्कीम के तहत 200 बच्चों की करोड़ों रुपये तक पूरी फीस पुनर्भरण की जा रही है।
उन्होंने भाजपा एवं कांग्रेस सरकार के तुलनात्मक आंकड़े बताते हुए कहा कि तीन साल में प्रति व्यक्ति आय में 26.81 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। देश में प्रति व्यक्ति आय 6.08 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रही है जबकि राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 8.24 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। वर्ष 2013 में जब हमारी सरकार थी तो प्रदेश पर 1.47 लाख करोड़ का कर्ज था, भाजपा सरकार ने इसे दोगुना कर दिया। वर्ष 2018 में हमारी सरकार बनी तो राज्य पर 3 लाख 25 हजार करोड़ रुपए का कर्ज विरासत में मिला। वर्ष 2014 में केन्द्र पर 58 लाख करोड़ का कर्ज था जो अब 150 लाख करोड़ रुपए से अधिक हो चुका है।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण कर्ज बढ़ा है पर इसकी सीमा पिछली सरकार की तुलना में बेहद कम है। मैं हर विभाग में हुए काम के साथ बताना चाहूंगा कि भाजपा के शासन में और हमारे शासन में क्या अंतर है। शिक्षा के मामले में भाजपा सरकार के चार साल में कोई नया प्राइमरी स्कूल नहीं खोला गया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 266 नए प्राइमरी स्कूल खोले गए हैं। भाजपा सरकार के चार साल में 178 प्राइमरी स्कूल को अपर प्राइमरी स्कूल में प्रमोट किया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 1453 प्राइमरी स्कूल को अपर प्राइमरी स्कूल में प्रमोट किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के चार साल में 307 अपर प्राइमरी को सैकंडरी स्कूल में प्रमोट किया जबकि कांग्रेस सरकार के चार साल में 1127 अपर प्राइमरी को सैकंडरी स्कूल में प्रमोट किया है। कॉलेज के मामले में उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने पांच साल में 81 कॉलेज खोले जबकि हमने चार साल में 210 कॉलेज खोल दिए। इनके चार साल में एक एग्रीकल्चर कॉलेज खोला गया, हमने चार साल में 42 एग्रीकल्चर खोल दिए।
आयुर्वेद के मामले में भाजपा सरकार ने चार साल में एक भी आयुष हेल्थ वैलनेस सेंटर एवं ब्लॉक आयुष अस्पताल नहीं खोला जबकि हमने चार साल में 1000 आयुष हेल्थ वैलनेस सेंटर एवं 77 ब्लॉक आयुष अस्पताल खोले हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के मामले में भाजपा सरकार ने चार साल में ग्रामीण विकास पर 21,586 करोड़ रुपये खर्च किए। हमने चार साल में इनसे दोगुने से भी अधिक यानी ग्रामीण विकास पर 56,257 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इनके चार साल में 76,816 सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाए, हमने 1,85,657 सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर प्रदेश की 24.50 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है। इनके चार साल में मनरेगा में 16,792 करोड़ रुपये व्यय किए, हमने दो गुने से अधिक यानी 36,601 करोड़ रुपये व्यय किए, साथ में मनरेगा में 25 दिन अतिरिक्त दिए हैं।