बांसवाड़ा। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने प्रदेश में किसानों के पचास हजार रूपए के सहकारी ऋण माफी योजना की शुुरूआत की।
प्रदेश के आदिवासी बाहुल बांसवाडा में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच शुरू की गई इस योजना के तहत प्रदेश में 29 लाख 30 हजार किसानों के करीब साढ़े 8 हजार करोड़ रूपए के फसली ऋण माफ होंगे।
राजे ने बांसवाड़ा के कॉलेज ग्राउंड में किसानों को ऋणमाफी प्रमाण पत्र वितरित करते हुए कहा कि राजस्थान के इतिहास में यह पहली सरकार है जिसने किसानों का पचास हजार रुपए तक का कर्जा माफ किया जबकि पिछली दो केन्द्र सरकारों ने किसानों का मात्र दस-दस हजार रूपए तक का ही कर्जा माफ किया था।
उन्होंने काश्तकारों के हित में लागू की जाने वाली योजनाओं की जानकारी देते हुये कहा कि काश्तकारों की लम्बे समय से खातेदारी अधिकार की समस्या को समाप्त् करने के लिए सेटलमेंट द्वारा फिर से सर्वे कराने और जमीन की किस्म दुरूस्त करने, टीएसपी और सहरिया क्षेत्र के करीब 3 लाख बीपीएल परिवारों को हर महीने 50 यूनिट तक बिजली नि:शुल्क उपलब्ध कराने सहित अनेक योजनाओं को शुरू करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा कि किसानों के रिण माफी के साथ ही नये रिणों के लिए आगामी 4 जून से शिविर लगाये जाएंगे। कार्यक्रम में किसानों को कर्जमाफी प्रमाण पत्र के साथ-साथ नया ऋण स्वीकृत का भी प्रमाण पत्र दिया गया।
राजे ने कहा कि इस योजना में लघु एवं सीमान्त किसानों के 30 सितम्बर, 2017 तक के ओवरड्यू ऋण पर बकाया ब्याज और पेनल्टी माफ करने के बाद शेष बचे ऋण में से 50 हजार तक का कर्जा माफ किया गया है।
इसी प्रकार इस योजना में ऐसे किसानों का भी कर्जा माफ किया गया है जो लघु एवं सीमांत नहीं हैं और जिनकी भूमि 2 हेक्टेयर से ज्यादा है। ऐसे किसान का लघु किसान की जोत के अनुपात में 50 हजार रुपये तक ऋण माफ किया गया है।
उन्होंने कहा कि जो किसान ऋण चुकाने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें राहत देने के लिए एक स्थायी संस्था के रूप में कृषक ऋण राहत आयोग का गठन किया जा रहा है। ऋणधारक किसान इस आयोग के सामने अपना पक्ष रख सकेंगे जिस पर उसे मेरिट के आधार पर राहत मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य पर हम संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं और इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में पहली बार समर्थन मूल्य पर 8 हजार 900 करोड़ रूपए की फसल खरीद की है।
उन्होंने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार अपने वर्तमान कार्यकाल में इस साल के अन्त तक किसानों को 80 हजार करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त फसली ऋण वितरित कर देगी, जो देश में सर्वाधिक होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्राथमिक भूमि विकास बैंकों से किसानों को मिलने वाले ऋण की ब्याज दर भी 12 प्रतिशत से घटाकर साढ़े पांच प्रतिशत की।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने चार सालों में दो लाख कृषि कनेक्शन दिए हैं। इतने ही कृषि कनेक्शन इस साल और दिए जाएंगे। हमारी सरकार ने साढ़े चार साल में किसानों पर बिजली की दरों में वृद्धि का भार नहीं पड़ने दिया है।
उन्होंने ने कहा कि पहले राज्य सरकार व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना में किसानों की दुर्घटना में मृत्यु होने या स्थाई रूप से अंग-भंग होने पर केवल 50 हजार रूपए का बीमा लाभ मिलता था जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 10 लाख रूपए किया है।
इसी तरह पहले प्राकृतिक आपदा में 50 प्रतिशत खराबे पर सहायता मिलती थी, जिसे किसानों के पक्ष में घटाकर 33 प्रतिशत कर दिया है। सहायता राशि भी बढ़ाकर डेढ़ गुना कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि ऋण माफी योजना के तहत बांसवाड़ा जिले में 1 लाख 9 हजार किसानों के 250 करोड़ रुपए के कर्ज माफ होंगे। सिंचाई तंत्र को मजबूत करने के लिए बांसवाड़ा जिले में 410 करोड़ रूपए के काम कराए गए हैं।
माही परियोजना से जुड़ी नहरों के सुदृढ़ीकरण पर 165 करोड़ रूपए खर्च होंगे। उन्होंने कहा कि कुशलगढ़-सज्जनगढ़ विधानसभा क्षेत्र के लिए 800 करोड़ रूपए की योजना की डीपीआर तैयार की गई है।
इस अवसर पर गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया, उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी, नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में की पूजा-अर्चना
मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने आज त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। बांसवाड़ा प्रवास के चौथे दिन राजे ने त्रिपुरा सुंदरी परिसर में संत-महात्माओं का सम्मान कर उनसे आशीर्वाद लिया। मुख्य पुजारी निकुंज मोहन ने पूजा-अर्चना सम्पन्न करवाई।
बांसवाड़ा के लिए ये घोषणाएं की :-
काश्तकारों की लम्बे समय से खातेदारी अधिकार प्राप्त करने में आ रही समस्या को दूर करने के लिए बांसवाड़ा जिले के ऐसे गांव जिनके राजस्व रिकॉर्ड में किस्म जमीन जंगल अंकित है, उनमें सेटलमेंट द्वारा फिर से सर्वे कराया जायेगा और जमीन की किस्म दुरूस्त करने की कार्यवाही की जायेगी। इससे क्षेत्र के काश्तकारों को खातेदारी अधिकार, मकानों के पट्टे लेने, भूमि का संपरिवर्तन एवं नियमन किये जाने तथा ऋण लेने में सुविधा होगी।
टीएसपी और सहरिया क्षेत्र के करीब 3 लाख बीपीएल परिवारों को हर महीने 50 यूनिट तक बिजली निःशुल्क मिलेगी। इस पर सरकार करीब 61 करोड रूपये अतिरिक्त वार्षिक भार वहन करेगी।
बांसवाड़ा शहर से निकलने वाले कागदी नाले का जयपुर की द्रव्यवती नदी की तर्ज पर सौन्दर्यकरण एवं विकास होगा। इसके लिए डीपीआर बनेगी।
शहर में सड़कों का विकास एवं सौन्दर्यीकरण किया जाएगा।
बांसवाडा शहर में शुद्ध पेयजल के लिए 2 आरओ प्लान्ट लगेंगे।
इंजीनियरिंग कॉलेज में 2 करोड़ रूपए से 10 लैब बनेंगी।
जिले के 40 नवक्रमोन्नत स्कूलों में साइंस लैब के लिए 14 करोड़।
राजकीय कॉलेज में कृषि संकाय खोलेंगे
परतापुर नई नगरपालिका में गढ़ी भी शामिल।