जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दौसा में डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या की घटना बेहद दुखद बताते हुए कहा है कि इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गहलोत ने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि हम सभी डॉक्टरों को भगवान का दर्जा देते हैं। हर डॉक्टर मरीज की जान बचाने के लिए अपना पूरा प्रयास करता है परन्तु कोई भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना होते ही डॉक्टर पर आरोप लगाना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह डॉक्टरों को डराया जाएगा तो वे निश्चिन्त होकर अपना काम कैसे कर पाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को सोचना चाहिए है कि कोविड महामारी या अन्य दूसरी बीमारियों के समय अपनी जान का खतरा मोल लेकर सभी के सेवा करने वाले डॉक्टरों से ऐसा बर्ताव कैसे किया जा सकता है। इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है एवं दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
गहलोत ने कहा कि धौलपुर जिले के बाड़ी में बिजली विभाग के इंजिनियर के साथ मारपीट की घटना भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। यदि अपनी ड्यूटी कर रहे सरकारी कर्मचारियों से इस तरह का व्यवहार किया जाएगा तो वे अपनी जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि जब कोविड के दौरान हम सब घरों में रहना चाहते थे तब सरकारी कर्मचारियों ने अपने जीवन तक को दांव पर लगाकर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए व्यवस्था बनाने का काम किया था।
अत्यावश्यक सेवाओं जैसे बिजली, जल विभाग के कर्मचारियों/अधिकारियों का काम अत्यधिक चुनौतीपूर्ण होता है। परन्तु चुनौतीपूर्ण कार्य कर रहे इन कर्मचारियों के साथ मारपीट कर कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है। राज्य सरकार अपने कर्मठ अधिकारियों को पूर्ण सरंक्षण देगी। भविष्य में भी ऐसी घटनाओं के लिए किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा चाहे वो कोई भी व्यक्ति हो।
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