नागौर/जयपुर। राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा है कि जिस तरह शेरनी अपने बच्चों के लिए, अपने परिवार के लिए लड़ती है उसी तरह मैं भी राजस्थान रूपी परिवार के लिए लडूंगी। उसकी रक्षा करूंगी, उस पर आंच नहीं आने दूंगी।
राजे ने मेड़तासिटी में आयोजित जनसभा को सम्बोधित करते हुये कहा राज्य के हर इंसान की खुशहाली के लिए हमेशा डटी रहूंगी। जिस तरह से मां अपने बच्चों को गले से लगाकर रखती है उसी तरह मैंने 36 की 36 कौमों को गले से लगाया।
उन्होंने पुंदलोता एवं परबतसर में कहा कि कांग्रेस के जो नेता साढ़े चार साल तक गायब थे वे आजकल अखबारों में छपकर दिखने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें साढे चार साल तक तो जनता की याद आई नहीं और चुनाव आते ही अचानक उन्हें प्रदेशवासी याद आने लगे हैं।
राजे ने कहा कि हमने एक करोड़ महिलाओं को मोबाइल देने की योजना बनाई तो कांग्रेस उसका विरोध करने लगी। बारह साल से कम की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करने वालों को हमने फांसी की सजा देने का कानून बनाया, पचास साल तक राज करने वाली कांग्रेस ने क्यों नहीं ।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने चिकित्सकों के पद भरने के लिए कुछ भी नहीं किया। पचास साल के शासन में कांग्रेस ने सिर्फ सात मेडिकल कॉलेज खोले जबकि हमने पांच वर्षों में ही सात कॉलेज खोल दिए। यदि कांग्रेस पर्याप्त मेडिकल कॉलेज खोल देती तो आज डॉक्टरों की कमी नहीं होती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से तीस हजार से लेकर तीन लाख रूपये तक का मुफ्त में इलाज करवाया जा रहा है। पंद्रह लाख लोगों को रोजगार के अवसर दिलाने का जो वादा था हमने उसे पूरा किया। साढ़े तीन लाख सरकारी नौकरी दी जा रही हैं।
मुद्रा योजना में 44.50 लाख लोगों को रोजगार के लिए ऋण दिया गया। राजे ने विपक्ष पर प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास बातें बहुत और काम कम हैं। हमारे पास बातें कम काम ज्यादा है। कांग्रेस का काम तो सिर्फ यह है कि चुनाव के समय दिखना और फिर गायब हो जाना।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के बहादुर जवान मातृभूमि की रक्षा में अपने जीवन का जो त्याग और समर्पण करते हैं उनका उत्साह बढ़ाने के लिए भारतीय सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्ष गांठ पर 28 सितम्बर से 30 सितम्बर तक पराक्रम पर्व मनाया जाएगा।
राजे ने डेगाना के पुंदलोता में कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए पैक्स और लैम्प्स के व्यवस्थापकों का अलग से जिलास्तरीय सामान्य कैडर बनाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि प्रदेश की 6 हजार 400 से अधिक ग्राम सेवा सहकारी समितियों के व्यवस्थापक इस संबंध में मांग कर रहे थे। राजे ने यहां पूर्व सांसद स्व. रामरघुनाथ चौधरी की प्रतिमा का अनावरण भी किया।