जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव अशोक गहलोत ने कहा है कि राजस्थान सहित चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव के परिप्रेक्ष्य में राजनीतिक हित साधने के लिए राज्य सरकारों द्वारा विज्ञापनों एवं प्रचार-प्रसार पर खर्च किए जाने वाले सरकारी धन के दुरुपयोग पर रोक लगनी चाहिए।
गहलोत ने रविवार को अपने बयान में चुनाव आयोग का स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सम्पन्न कराने का महत्वपूर्ण दायित्व बताते हुए कहा कि चुनाव वाले राज्यों के सत्ताधारी दलों पर इस प्रकार से राजनीतिक हित को साधने के लिए सरकारी धन एवं मशीनरी के दुरुपयोग पर चुनाव आयोग द्वारा रोक लगाई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं छत्तीसगढ़ में राजनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए जन आशीर्वाद यात्रा, गौरव यात्रा और विकास यात्रा निकाली जा रही है जिनमें सरकारी धन एवं मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इन यात्राओं के साथ भाजपा सरकारों द्वारा राष्ट्रीय एवं प्रादेशिक समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रोनिक मीडिया में लगातार भारी सरकारी खर्च से बड़े-बड़े विज्ञापन प्रसारित किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहाकि राजस्थान में उच्च न्यायालय द्वारा गौरव यात्रा में सरकारी कार्यक्रम एवं सरकारी धन के दुरुपयोग पर रोक लगाने का आदेश पारित कर दिया गया है, इसके बावजूद सरकार द्वारा इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किए गए हैं।
गहलोत ने कहा कि पहले जयपुर में प्रधानमंत्री-लाभार्थी जन संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें राज्यपाल की उपस्थिति में प्रोटोकोल को दरकिनार कर पार्टी विशेष की बात की गई। इसके बाद प्रदेश भर से एससी/एसटी के लाभार्थियों, सफाई कर्मचारियों को संवाद के नाम पर जयपुर बुलाया गया।
इसी तरह से नवचयनित शिक्षकों को बुलाकर जयपुर में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित किया गया। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभान्वित परिवारों के लिए भामाशाह डिजिटल परिवार योजना लागू की गई, जिसमें तहत सरकारी खजाने से मोबाइल के लिए राशि उपलब्ध कराई जा रही है।
जबकि इन सभी कार्यों की न तो बजट में कोई घोषणा की गई और न ही कोई बजट प्रावधान हुआ। आनन-फानन में आदेश निकाले गए। चुनावी लाभ लेने के लिए सरकारी पैसे एवं मशीनरी के दुरुपयोग को रोका जाना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के विधि, मानवाधिकार, आरटीआई विभाग के चैयरमेन एवं सांसद विवेक के. तन्खा ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है।