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किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं राजस्थान सरकार : गजेन्द्र सिंह शेखावत - Sabguru News
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किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं राजस्थान सरकार : गजेन्द्र सिंह शेखावत

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किसानों के प्रति संवेदनशील नहीं राजस्थान सरकार : गजेन्द्र सिंह शेखावत

जोधपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक बार फिर राजस्थान सरकार पर निशाना साधा। राज्य में किसान आत्महत्या पर शेखावत ने कहा कि राजस्थान सरकार को जिस संवेदनशीलता से काम करना चाहिए, वो उन्होंने नहीं किया है।

मीडिया से बातचीत में शेखावत ने कहा कि चुनाव में जिस तरह से वादे राज्य सरकार ने जनता के साथ किए थे, चाहें वो किसानों के साथ हो, चाहें युवाओं के साथ हो या आम नागरिक के साथ हो, एक भी वादा निभाने में ये सरकार असफल रही है।

राज्य सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। चुनाव के समय कहा गया था कि 100 प्रतिशत ऋण माफी करेंगे। किसान का बिजली बिल नहीं बढ़ाएंगे। किसान को हर तरह का सहयोग करें, लेकिन इन सभी मुद्दों पर राजस्थान की सरकार असफल साबित हुई है।

11 साल पहले ही कार्य पूरा

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सामने संकल्प व्यक्त किया था कि अगले पांच साल यानी 2019 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150वीं जयतीं पर श्रद्धांजलि देते हुए देश को खुले में शौच से मुक्त करेंगे। हम सबके लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र ने जिस काम के लिए 2030 की तिथि तय की थी, उस लक्ष्य को भारत ने 11 साल पहले प्राप्त कर लिया है।

शौचालय बनने से नहीं छूटेगा कोई घर

शेखावत ने कहा कि बेस लाइन सर्वे के तहत यह बात संज्ञान में आई है कि गांवों में कुछ घर शौचालय निर्माण से छूट गए हैं। हमने राज्य सरकारों से कहा और उन्हें स्वतंत्रता दी कि वो बेस लाइन से छूटे हुए घरों में शौचालय निर्माण के लिए सहयोग राशि दें। उन्होंने कहा कि कुछ नए घर भी प्रतिवर्ष जुड़ रहे हैं। यह स्वाभाविक चलने वाली प्रक्रिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 30 लाख शौचालय और 1.80 लाख सामुदायिक शौचालय बनाने की अनुशंसा की गई है।

गांव में होगा कचरे का निस्तारण

शेखावत ने कहा कि गांवों में ठोस और तरल कचरा प्रबंधन की पूर्ण योजना स्वच्छ भारत मिशन-2 के माध्यम से बनाई जाएगी, ताकि गांवों को स्वच्छता के अगले पायदान पर ले जाया जा सके। भारत सरकार और राज्यों के बजट प्रावधानों के आधार पर मनरोगा और इस काम के लिए जो फंड है, साथ ही 15वें वित्त कमिशन ने अगले पांच साल के लिए हमारे इस प्रोग्राम के लिए जिस फंड की अनुशंसा की है, उसके अनुसार 1.40 लाख करोड़ रुपए का पांच साल में निवेश करते हुए गांवों को ठोस और तरल कचरे से मुक्त कराया जाएगा। कचरे के निस्तारण की सुविधा गांव-गांव में विकसित करने की योजना बन रही है।