जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे राजस्थान के श्रमिकों एवं यहां रह रहे अन्य राज्यों के मजदूरों आदि की परेशानियों को लेकर राज्य सरकार गंभीर है।
गहलोत आज मुख्यमंत्री निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मॉडिफाइड लॉकडाउन को लेकर उपमुख्यमंत्री, मंत्री, संबंधित विभागों के सचिव एवं जिला कलेक्टर के साथ समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन लोगों को अपने-अपने घर पहुंचाने के लिए हम लगातार केन्द्र सरकार से बातचीत कर रहे हैं।
उम्मीद है कि जल्द ही इसका कोई हल निकलेगा। अन्य राज्यों में फंसे राजस्थानियों को राहत देने के लिए संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ भी निरंतर संवाद किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में अटके हुए लोगों की समस्याओं का भी जल्द समाधान निकालेंगे।
उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता, प्रशासन एवं सरकार ने यह साबित कर दिया है कि संकट की घड़ी में सब एक साथ खडे़ हैं और प्रदेश को इससे बाहर निकालने की क्षमता रखते हैं। गहलोत ने कहा कि कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए राजस्थान में हर स्तर पर एकजुटता के साथ काम किया जा रहा है। यही एकजुटता हमें कोरोना को हराने में सफलता दिलाएगी।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लंबे समय तक घरों में रहने और व्यवसाय बंद रहने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऎसे में जनता का मनोबल बनाए रखना जरूरी है। शिक्षाविदों, समाजशास्ति्रयों और विशेषज्ञों के सहयोग से लोगों को मोटिवेट किया जाना चाहिए।
इसके लिए बडे़ स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाए, जिसमें पैम्पलेट, वीडियो, लेख आदि के माध्यम से उन्हें प्रेरित और शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना से लड़ाई में दिन-रात जुटे कार्मिकों का मनोबल भी बनाए रखना बेहद जरूरी है।
गहलोत ने कहा कि गर्मियों में प्रदेशभर में पेयजल की सुचारू आपूर्ति के लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार कर लिया गया है। इसके लिए 65 करोड़ रूपए की राशि भी स्वीकृत कर दी गई है। सरकार ने यह ध्यान रखा है कि लॉकडाउन के कारण लोगों को अधिक पानी की जरूरत होगी। सभी को पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
गहलोत ने कहा कि किसानों को बिचौलियों से बचाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे खरीद के 1530 लाइसेंस जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कोरोना की जांच के मामले में अग्रणी है। हमारा प्रयास है कि इसके संक्रमण को रोकने के लिए जांच का दायरा बढ़ाया जाए।
इसके लिए आज से रेपिड टेस्ट भी शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच स्थानीय स्तर पर भी हो सके, इसके लिए प्रदेश के सभी जिलों में लैब स्थापित करने और आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इस मौके उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि प्रदेश में कोरोना की रोकथाम के लिए सरकार और प्रशासन ने अब तक बेहतर कदम उठाए हैं। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आगे भी हम इसी भावना के साथ जुटे रहें। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिस की अच्छी भूमिका रही है। प्रशासन इस बात का विशेष ध्यान रखे कि उनके साथ कोई अप्रिय घटना नहीं हो।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा कि सभी जिला कलेक्टर्स अपने-अपने जिले में हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए शीघ्र योजना बनाकर सरकार को भेजें। उन्होंने कहा कि कोरोना जांच के लिए विभिन्न लैब की क्षमता बढ़ाई जा रही है। जल्द ही यह क्षमता 4 हजार से बढ़कर 10 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो जाएगी।
उद्योग मंत्री परसादीलाल मीणा ने कहा कि लॉकडाउन के कारण पेयजल आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आए। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के कारण लॉकडाउन में आमजन का पूरा सहयोग मिल रहा है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल ने कहा कि कोरोना के हॉट स्पॉट्स की विशेष निगरानी रखी जाए। टिड्डी प्रभावित एवं सूखा संभावित क्षेत्रों में पशुओं के चारे की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।
जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी पेयजल की किल्लत नहीं रहेगी। इसके लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार कर लिया गया है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि लॉकडाउन के कारण मुर्गीपालन करने वाले लोगों को आ रही परेशानियों को दूर किया जाए। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग से संबंधित सभी व्यवस्थाएं सुचारू हैं।
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले गेहूं का रिकॉर्ड समय में उठाव एवं वितरण किया गया है। राशन वितरण को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू कर दी गई है। अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करते हुए किसानों से सुगमता पूर्वक खरीद हो।
गोपालन मंत्री प्रमोद भाया ने कहा कि गौशालाओं को अनुदान के लिए 275 करोड़ रूपए की राशि जारी कर दी गई है। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम के तहत कॉलेज विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ा जा रहा है।
अल्पसंख्यक मामलात मंत्री शाले मोहम्मद, वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई, जनजाति क्षेत्र विकास राज्य मंत्री अर्जुन सिंह बामणिया, श्रम राज्यमंत्री श्री टीकाराम जूली, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, गृह रक्षा राज्यमंत्री भजनलाल जाटव एवं आयोजना राज्यमंत्री राजेन्द्र यादव ने भी अपने विचार व्यक्त किए। मुख्य सचिव डीबी गुप्ता ने कहा कि मॉडिफाइड लॉकडाउन से संबंधित गाइडलाइन प्रदेश में 20 अप्रेल से लागू हो जाएगी।