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राजस्थान सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने का किया फैसला - Sabguru News
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राजस्थान सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने का किया फैसला

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राजस्थान सरकार ने संविदाकर्मियों को नियमित करने का किया फैसला

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अह्म फैसला लेते हुए राज्य में राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। यह नियम राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों पर लागू होंगे। प्रदेश के एक लाख 10 हजार से भी अधिक संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा।

गहलोत के मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए इस निर्णय से दीपावली के अवसर पर इन संविदाकर्मियों के जीवन में उजियारे की राह प्रशस्त होगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय प्रवर्तित एवं राज्य सरकारों की विभिन्न जनकल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में ये संविदाकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। यहां तक कि कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया।

गहलोत द्वारा मानवीय दृष्टिकोण के साथ लिए गए इस फैसले से प्रदेश के करीब 1 लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो सकेगी। इस निर्णय से शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के 18326, अल्प संख्यक विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के 44833 संविदाकर्मियों सहित कुल एक लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी इन नियमों से लाभान्वित होंगे।

इस नियम के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से हो सकेगी तथा इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा साथ ही जो संविदाकर्मी पांच साल तक काम कर लेंगे, भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जा सकेगा।

नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए, इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिए मानदेय का निर्धारण किया गया है और स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रावधान भी रखा गया है। नियमित होने पर इन कर्मियों को ओपीएस का लाभ भी दिया जाएगा।

संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियां बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका। गहलोत ने वर्ष 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने की घोषणा की और वर्ष 2022-23 के बजट में इनके मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की घोषणा की थी।

मुख्यमंत्री गहलोत ने इनकी पीड़ा को समझा और प्रदेश में पहली बार राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू किए, ताकि समाज का हर वर्ग सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आए। इसी सोच के साथ लिए गए इस फैसले से लाभान्वित होने वाले सभी संविदाकर्मियों को गहलोत ने बधाई दी है तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।