सबगुरु न्यूज-सिरोही। कोरोना के संक्रमण में दूरस्थ इलाकों में काम करने वाले या आने जाने वाले लोगों द्वारा डी-सेनेटाइजेशन के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सेनेटाइजर के कालाबाजारियों की कमर तोड़ दी है।
राजस्थान सरकार ने पांच दिन पहले श्री गंगानगर मिल की पांच डिस्टलरियों को सेनेटाइजर बनाने के काम में लगा दिया था। इसके परिणामस्वरूप सिर्फ पांच दिन में ही लगभग सभी जिलों में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लडऩे वाले मेडीकल, राजस्व, पुलिस, आंगनबाड़ी, शिक्षा विभाग, नगर निकाय के कार्मिकों के लिए सेनेटाइजर की सप्लाई कर दी है। चिकित्सक, पैरामेडीकल स्टाफ समेत अन्य कोरोना फाइटर्स मास्क और सेनेटाइजर्स की अनुपलब्धता को लेकर ही सबसे ज्यादा चिंतित थे।
-अकेले सिरोही में ही आए 24 हजार
श्रीगंगानगर शुगर मिल सिरोही के प्रबंधक नाथाराम ने बताया कि जिले में तीन खेप में अब तक 24 हजार सेनेटाइजर आ चुके हैं। इन्हें विभिन्न विभागों में भिजवा दिया गया है। फिलहाल यह सप्लाई निशुल्क है।
-टूट जाएगी कालाबाजारियों की कमर
देश में कोरोना संक्रमण फैलने से पहले मार्च के पहले सप्ताह में विभिन्न कंपनियों के पचास एमएल सेनेटाइजर की कीमत 40 से 50 रुपये थी। जैसे ही संक्रमण फैला, होली के बाद इन्हें की कीमत डेढ़ सौ रुपये तक लिखकर बाजार में नई एमआरपी पर सेनेटाइजर उतार दिए।
इस कालाबाजारी की सबसे बड़ी मार फील्ड में काम कर रहे कोरोना फाइटर्स पर पड़ रही थी। फील्ड में साबुन और पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण हाथों को डिस्इंफेक्टेंट करने के लिए सेनेटाइजर ही एकमात्र उपाय बचता है। जिला आबकारी अधिकारी ने बताया कि उनके पास जो कार्यालय आदेश आया है उसके अनुसार फिलहाल सरकारी विभागों में 180 मिली की सेनेटाइजर की शीशी निशुल्क दी जा रही है।
बाद में इसके दाम लिए भी जाते हैं तो 180 मिली की सेनेटाइजर की शीशी की अधिकतम विक्रय दर 50 रुपये है। जो बाजार के सेनेटाइजर से काफी किफायती है। जयपुर से आए आदेशानुसार कोरोना फाइटर्स की जरूरत पूर्ति के बाद इसका विक्रय मेडीकल स्टोर्स, निजी चिकित्सालय, स्वयंसेवी संस्थाओ, शराब के लाइसेंसी एवं अन्य संस्थाओं को विक्रय के लिए उपलब्ध करवाया जाएगा।
-वही कम्पोजिशन
राजस्थान सरकार ने संभागवार पांच संभागों की डिस्टलरियों को सेनेटाइजर बनाने का काम सौंपा था। बाजार के सेनेटाइजर की तरह इसमें इथेनॉल, ग्लीसरोल, हाइड्रोजन परॉक्साइड, एसेंस, फूड कलर और पानी मिला हुआ है। डिस्टलरी का इथेनॉल की क्वालिटी उच्च ग्रेड होती है ऐसे में इसका प्रभाव भी बेहतर होगा। यह सेनेटाइजर मिलने से सेनेटाइजर में खर्च होने वाला पैसा कोरोना फाइटर्स की सुरक्षा के लिए मास्क खरीदने में किया जा सकेगा।
-घरों में हैं तो साबुन और पानी से ही हाथ धोएं
जिला प्रशासन और चिकित्सक इस बात को लेकर कई बार अपील कर चुके हैं कि जहां पानी और साबुन की उपलब्धता है वहां पर हाथा धोने के लिए सेनेटाइजर के उपयोग की कोई आवश्यकता नहीं हैं। पानी और साबुन से हाथ धोना ज्यादा प्रभावी है। सेनेटाइजर का इस्तेमाल फील्ड में पानी और साबुन की उपलब्धता नहीं होने की स्थिति में ही डिसइंफेक्टेंट के रूप में किया जाता है।
-इनका कहना है….
श्रीगंगानगर शुगर मिल का सेनेटाइजर आ गया है। फील्ड में डिसइंफेक्टेंट के रूप में सेनेटाइजर ही विकल्प होता है और बाजार में इसका अभाव भी था। ऐसे में इस सेनेटाइजर से हमारी जरूरत पूरी हो गई है। सभी ब्लॉकों में इसे भिजवा दिया है।
डॉ राजेश कुमार
सीएमएचओ, सिरोही।