जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता की नीति पर काम कर रही है लिहाजा भ्रष्टाचार कतई सहन नहीं किया जाएगा।
गहलोत ने आज यहां भ्रष्टाचार निवारण ब्यूरो के मुख्यालय में ब्यूरो के कामकाज एवं कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए कहा कि आय से अधिक सम्पत्ति तथा पद के दुरुपयोग के मामलो में शिकायतकर्ता का नाम गुप्ता रखे जाने के साथ ही उन्हें उचित संरक्षण भी दिया जाए ताकि भ्रष्टाचार को उजागर करने वालों को प्रोत्साहन मिले। उन्होंने कहा कि अधिकारी छोटा हो या कितना भी बड़ा, किसी को भी भ्रष्टाचार के मामले में बख्शा नहीं जाएगा।
गहलोत ने पुलिस (100) और एम्बुलेंस (108) की तर्ज पर एसीबी के लिए भी विशेष फोन नम्बर शुरु करने के निर्देश देते हुए कहा कि इस नम्बर का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाये ताकि आम आदमी इस नम्बर पर बिना किसी परेशानी के अपनी शिकायत दर्ज करा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को फर्जी निवेश का झांसा देकर आम आदमी की गाढ़ी कमाई हड़पने वाली चिटफंड एवं मल्टीलेवल मार्केटिंग कम्पनियों तथा क्रेडिट कॉपरेटिव सोसयटियों पर भी शिकंजा कसा जाए।
गहलोत ने कहा कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी लगाने की व्यवस्था को और मजबूत बनाने के साथ ही निष्पक्ष जांच करने के लिए विभागीय अधिकारी की बजाय दूसरे विभाग से मुख्य सतर्कता अधिकारी की नियुक्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने एसीबी में रिक्त पदों को 15 दिसम्बर तक भरने के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को निर्देश दिए।
उन्हाेंने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में संंबंधित विभाग अभियोजन की स्वीकृति पर नियत अवधि में निर्णय करे। उन्होंने कहा कि अभियोजन स्वीकृति के मामलों में समय पर निर्णय नहीं होने से एसीबी के मनोबल पर विपरीत असर पड़ता है और भ्रष्टाचार को प्रोत्साहन मिलता है, लिहाजा संबंधित मामलों के निराकरण के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाए।
उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय में ब्यूरो ने बेहतर काम किया है। एसीबी के पास स्वयं के किसी कार्मिक के भ्रष्टाचार में लिप्त होने की प्रामाणिक शिकायत आती है तो उसे सख्त कार्रवाई करके दंडित किया जाए ताकि एजेंसी पर आम जन का विश्वास पुख्ता हो।