जयपुर। राजस्थान सरकार ने राज्य के निजी बस संचालकों को राहतदेते हुए लॉकडाउन के कारण निजी बसों का संचालन नहीं होने के आधार पर उनका अप्रैल से जून तक तीन महीने का पूरा मोटर वाहन कर माफ करने का निर्णय किया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर हुई बैठक में यह निर्णय किया गया। परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास द्वारा निजी बस संचालकों के साथ परिवहन भवन में हुई बैठक में इस निर्णय की घोषणा की। इसके बाद सभी यूनियनों ने मौके पर ही चक्का जाम हड़ताल समाप्ति की घोषणा करके बसों का संचालन प्रारम्भ कर दिया है।
खाचरियावास ने निजी बस ऑपरेटर्स के साथ हुई बैठक में कहा कि सरकार किसान, उद्यमी, विद्यार्थी, कर्मचारी, व्यापारी हर वर्ग के साथ खड़ी है। कोविड-19 की असामान्य परिस्थितियों के कारण विभिन्न वर्गों के सामने कई तरह की समस्याएं हैं। निजी बस संचालकों को भी इन परिस्थियों के चलते नुकसान से उबरने का समय देना जरूरी है।
खाचरियावास ने बताया कि राज्य में करीब 30 हजार निजी बसें हैं। तीन महीने का कर माफ करने के अलावा जुलाई में उनको कर 75 प्रतिशत की छूट दी गई है, यानी केवल 25 प्रतिशत टेक्स ही देना होगा। अगस्त में केवल 50 प्रतिशत टैक्स लगेगा एवं सितम्बर में भी टेक्स में 25 प्रतिशत की छूट रहेगी। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सार्वजनिक परिवहन सेवा को नई संजीवनी मिलेगी और वह कोविड के प्रभाव से उबर सकेगी।
खाचरियावास ने कहा कि अन्य कई उद्योग धंधों के साथ ही लॉकडाउन के कारण निजी बस संचालकों के सामने भी संकट आ गया है। इसी कारण निजी बस ऑपरेटर्स करीब दो सप्ताह से कर में राहत की मांग कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि निजी बस ऑपरेटर्स की अन्य समस्याओं के समाधान के लिए भी विभाग गंभीर है। यदि कोई बस ऑपरेटर परिस्थितिवश अपनी आरसी सरेण्डर करना चाहता है तो विभाग इसके समाधान का रास्ता निकालेगा।