जयपुर। राजस्थान में अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण में पांच प्रतिशत आरक्षण देने की मांग पर अडिग गुर्जर समाज तेईस मई से फिर आंदोलन शुरु करेंगे।
गुर्जर आरक्षण संर्घर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोडी सिंह बैंसला और समिति के पदाधिकारी हिम्मत सिंह ने बताया कि बयाना के अड्डा गांव में मंगलवार को गुर्जर महापंचायत की बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में सरकार से बातचीत भी जारी रखने पर सहमति बनी।
उन्होंने बताया कि आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार से बीती रात हुई बातचीत में मिले प्रस्ताव को महापंचायत में रखा गया लेकिन महापंचायत ने सरकार के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित करने पर असहमति जताई।
महापंचायत में जुटने के लिये सवेरे से ही दूर दूर से काफी संख्या में लोग अड्डा गांव पहुंचने शुरू हो गए थे। अधिकांश लोग खाने पीने और रहने की तैयारी के साथ पहुंचे।
गुर्जर समाज की महापंचायत के मद्देनजर जिला प्रशासन भी किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने और कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से सर्तक रहा। इस अवसर पर रेलवे सुरक्षा बल की तीन और पुलिस फोर्स की पांच कंपनियों सहित स्थानीय पुलिस बल को बयाना के संभावित स्थलों पर तैनात किया गया।
भरतपुर जिला प्रशासन ने कल से ही उपखंड क्षेत्र में निषेधाज्ञा लगा रखी है। जिला प्रशासन ने बयाना, उच्चैन और रुदावल आदि इलाकों में इंटरनेट सवाएं मंगलवार शाम तक के लिए बंद कर दी और राजस्थान पथ परिवहन निगम ने बयाना से करौली और हिंडौन मार्ग पर रोडवेज बसों का संचालन भी शाम छह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
महापंचायत में बैंसला ने कहा कि इस मुद्दे पर समाज के कई लोग शहीद हो चुके है और वह नहीं चाहते कि आगे भी ऐसे हालात बनें। उन्होंने कहा कि यदि समाज उन्हे नेता मानते है तो आगे की रणनीति के लिए उन्हें सात दिन का समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि समाज यदि उन्हें नेता मानता है ताे आरक्षण के मुद्दे पर समाज को कुछ दिनों के लिए धैर्य रखना होगा और इस बारे में जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में कल जयपुर में राज्य सरकार के साथ पन्द्रह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की बातचीत बेनतीजा रही। राज्य सरकार ने प्रतिनिधिमंडल को अलग से पांच प्रतिशत आरक्षण देने के बारे में कोई लिखित आश्वासन नहीं दिया हैं।
उन्होंने कहा कि तेईस मई को पीलूपुरा में आंदोलन के दौरान शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने के बाद आंदोलन शुरू किया जाएगा। महापंचायत के मद्देनजर जिला प्रशासन ने कानून एवं व्यवस्था बनाये रखने के लिए व्यापक प्रबंध किए, जिसके तहत तहसील उपखंड में निषेधाज्ञा लगाते हुये अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।