जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा मंत्री डा रघु शर्मा ने कहा है कि कोरोना से लड़ाई में चिकित्सकों की कमी नहीं आने दी जाएगी और आगामी एक डेढ़ महीने में दो हजार चिकित्सकों की भर्ती कर ली जाएगी।
डॉ शर्मा ने आज बताया कि राज्य के इस बजट में दो हजार चिकित्सकों की भर्ती करने की घोषणा की थी और अब इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं तथा भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई हैं। उन्होंने कहा कि एक डेढ़ महीने में भर्ती प्रक्रिया पूरी कर इन चिकित्सकों को काम पर लगा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पिछले दिनों 735 चिकित्सकों की भर्ती कर अलग अलग जिलों में लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 12500 जीएनएम एवं एएनएम की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी लेकिन मामला न्यायालय में लटकने पर एडवोकेट जनरल से राय ली गई है, कुछ मुकदमेबाजी के मामलों को छोड़कर नौ हजार जीएनएम एवं एएनएम को नियुक्ति देने के मुख्यमंत्री ने मंगलवार को ही निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और चिकित्सा संस्थानों को सभी चिकित्सा सुविधाओं से युक्त करने के लिए भी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रदेश में जांच सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है।
चिकित्सा संस्थानों में वर्तमान में कोरोना की 4700 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है तथा आने वाले दिनों में इसकी भी संख्या दस हजार कर ली जाएगी। सभी जिला मुख्यालयों पर भी जांच की सुविधाएं विकसित करने पर काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा जांचें कर कोरोना की वास्तविकता का पता लगाने के लिए संकल्पबद्ध है। इसके लिए देश में सबसे पहले राजस्थान में ही रेपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल किया गया। राजस्थान सरकार की सतर्कता की वजह से ही रेपिड किट्स की सच्चाई का पता चल सका। रेपिड टेस्ट किट पर भी राजस्थान ने ही सबसे पहले इसकी शुद्धता की जांच की और आईसीएमआर को देश भर में इससे की जाने वाली जांचों पर रोक लगानी पड़ी।
उन्होंने बताया कि कोरोना से लड़ रहे लोगों का स्वस्थ रहना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासक, पत्रकार और अन्य सेवाओं के लोग इस लड़ाई में मुस्तैदी से लगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इनके साथ किसी भी सूरत में अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
शर्मा ने बताया कि कोरोना प्रभावित, कर्फ्यूग्रस्त ऎसे क्षेत्र जो लॉकडाउन की वजह से सामान्य चिकित्सा सेवाओं से वंचित हैं वहां 400 मेडिकल मोबाइल वाहनों द्वारा सेवाएं सुलभ करवाई जा रही हैं। ये एंबूलेंस सुबह 8 बजे से अपराह्न 2 बजे तक सभी उपखंड मुख्यालयों व अन्य चिन्हित स्थानों पर चिकित्सा उपचार सेवाएं उपलब्ध होंगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों की तरह ही पत्रकार भी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों को कोरोना संबंधी सूचनाएं उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एवं महाराष्ट्र से पत्रकारों के पॉजीटिव आने की सूचना मिली है। ऎसे में मुख्यमंत्री ने निर्देश पर राज्य के पत्रकारों की कोरोना जांच करवाई जाएगी ताकि वे बेफिक्र होकर अपना काम कर सकें।