जयपुर। राजस्थान में मानसून की बरसात का दौर जारी हैं और प्रदेश में अब तक सर्वाधिक 1175.8 मिलीमीटर वर्षा सिरोही जिले के माउंटआबू में हुई हैं।
जल संसाधन विभाग से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में आज सर्वाधिक 153 मिलीमीटर बरसात जालोर जिले के सायला में दर्ज की गई। हालांकि जयपुर तथा अन्य कई स्थानों पर भी अच्छी बरसात हुई। प्रदेश में गत एक जून से अब तक एक स्थान पर सर्वाधिक बरसात माउंटआबू में हुई हैं।
सिरोही जिले में अब तक सामान्य बरसात रिकॉर्ड की गई और 653.50 मिलीमीटर सामान्य वर्षा के मुकाबले 592.17 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इस दौरान प्रदेश में अब तक एक दिन में सर्वाधिक 360 मिलीमीटर वर्षा गत 23 अगस्त को बांसवाड़ा जिले के भूंगरा में दर्ज की गई।
प्रदेश में गत एक जून से अब तक सामान्य वर्षा 411.42 की तुलना में 391.10 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी है। हालांकि यह सामान्य आंकड़ें से 4़ 93 प्रतिशत कम हैं लेकिन इसे सामान्य श्रेणी में माना जाता है। गत वर्ष इस दौरान 537.49 मिलीमीटर वर्षा हो चुकी थी।
राज्य में अब तक इस दौरान तीन जिलों चूरु, डूंगरपुर एवं जालोर में सामान्य से अधिक बरसात हो चुकी है। इनमें चुरु में 255.20 मिलीमीटर की जगह 323.86 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है जो सामान्य से 26.9 प्रतिशत अधिक हैं।
इसी तरह जालोर में 307.10 मिलीमीटर के स्थान पर 387.56 मिलीमीटर बरसात हुई जो सामान्य से 26़ 2 प्रतिशत तथा डूंगरपुर जिले में 485.50 मिलीमीटर की जगह अब तक 599.58 मिलीमीटर बारिश हुई जो सामान्य से 23.5 प्रतिशत अधिक है।
राज्य में अब तक 22 जिलों अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौड़गढ, दौसा, जयपुर, झालावाड़ जोधपुर करोली, नागौर, पाली, प्रतापगढ, राजसमंद, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही एवं उदयपुर में सामान्य बरसात हुई हैं जबकि आठ जिलों अलवर, बूंदी, धौलपुर, गंगानगर, हनुमानगढ, झुंझुनूं, कोटा एवं टोंक में अभी बारिश की कमी बनी हुई हैं।
प्रदेश में गत 15 जून से अब तक राज्य के बांधों में 2532.79 एमक्यूएम पानी आ चुका है। इससे बांधों का जल भराव 7525.87 एमक्यूएम पहुंच गया जो कुल भराव क्षमता का 59.54 प्रतिशत हैं। प्रदेश के छोटे बड़े 742 बांधों में अब तक 70 बांध भर चुके हैं जबकि 400 बांध आंशिक रुप से भरे हैं।
अच्छी बरसात के कारण जयपुर सहित अन्य जिलों को पेयजल आपूर्ति करने वाले टोंक जिले में स्थित बिसलपुर बांध मेें भी जल स्तर भराव क्षमता 315.50 आरएल मीटर की तुलना में 313.01 आरएल मीटर पहुंच गया।