जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने बीकानेर जिले के कोलायत क्षेत्र में 275 बीघा जमीन खरीदी के मामले में रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा को 12 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होने के सोमवार को निर्देश दिए।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीप रस्तोगी ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि जमीन खरीद मामले में कोई प्राथमिकी नहीं है, न ही वे आरोपी हैं।
एक शिकायत पर इसकी जांच की जा रही है, जिसे रोका नहीं जा सकता। इस पर न्यायालय ने कंपनी के सभी साझेदारों को ईडी के सामने पेश होने का आदेश दिया। ईडी ने पिछले वर्ष नवंबर के अंतिम सप्ताह में वाड्रा को तीसरी बार समन जारी किया था। इससे पहले वे दो समन की अनदेखी कर चुके थे।
वाड्रा के वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी बेटी का इंग्लैंड में घुटनों का ऑपरेशन होना है। इस पर न्यायालय ने कहा कि दोनों पक्षों के वकील पेशी की तारीख खुद तय कर लें। इसके बाद 12 फरवरी की तारीख तय की गई।
अदालत ने ईडी को भी जांच कार्यवाही की रिपोर्ट अगली पेशी पर देने के निर्देश दिए। एएसजी रस्तोगी ने न्यायालय से कहा कि वाड्रा और उनकी कंपनी के साझेदार दोषी पाए जाएं तो उनकी गिरफ्तारी पर लगाई गई रोक हटाई जा सकती है क्या। इस पर न्यायालय ने कहा कि इसके लिए बाद में एक अर्जी देकर आदेश लिया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि बीकानेर के कोलायत क्षेत्र में वाड्रा की कम्पनी ने 275 बीघा जमीन खरीदी थी। वाड्रा पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अवैध रूप से जमीन खरीदी है। इस मामले की ईडी की ओर से जांच की जा रही है।