जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के मामले में जोधपुर केंद्रीय कारागृह में उम्रकैद की सजा काट रहे संत आसाराम के स्वास्थ्य को लेकर आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. राघवन रामनकुट्टी के हलफनामे का राज्य के आयुर्वेदिक चिकित्सक से स्वतंत्र सत्यापन करवाने को कहा है।
आसाराम के पुत्र नारायण साईं द्वारा दायर की याचिका में आयुर्वेदिक चिकित्सकीय रिपोर्ट में आसाराम का केरल में उपचार करने की सलाह दी गई है।
न्यायाधीश डॉ.पुष्पेंद्र सिंह भाटी ने याचिकाकर्ता नारायण साईं की ओर से दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि न्यायालय का प्रत्येक पेशेवर के प्रति सर्वोच्च सम्मान है, लेकिन मामले की जटिलता को देखते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ.राघवन रामनकुट्टी के हलफनामे की एक राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सक की ओर से स्वतंत्र सत्यापन की आवश्यकता है।
न्यायालय ने लोक अभियोजक को डॉ.रामनकुट्टी की ओर से दायर किए गए हलफनामे की सत्यता और उपचार के लिए याचिकाकर्ता को भेजने की आवश्यकता का पता लगाने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने कहा कि आसाराम की उम्र में बीमारियों में इस तरह के उपचार की आवश्यकता के बारे में शपथ पत्र का विस्तृत मूल्यांकन करते हुए स्वतंत्र राय व्यक्त की जाए। जांच वरिष्ठ सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सक की ओर से करने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई तीन सितंबर को रखीं हैं।