जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने राजस्थान उच्च न्यायालय में उनकी याचिका खारिज होने के बाद कहा है कि विधि विशेषज्ञों की राय के बाद वह पुन: न्यायालय में याचिका दायर करेंगे।
दिलावर ने पत्रकारों से कहा कि राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उनकी याचिका करीब 130 दिन होने के बावजूद भी निस्तारित नहीं की गई, दूसरी ओर कांग्रेस के मुख्य सचेतक द्वारा दिए गए आवेदन पर उसी दिन पायलट गुट के विधायकों के घरों पर आधी रात को नोटिस चस्पा कर दिए गए।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को 18 जुलाई को एक स्मरण पत्र देकर निवेदन किया गया कि उनकी याचिका शीघ्र निस्तारित करें। उन्होंने मुझे सुने बिना ही 24 जुलाई की रात्रि को याचिका निस्तारित कर दी।
दिलावर ने कहा कि मुझे निस्तारित याचिका के आदेश की काॅपी नहीं दी गई। दूसरे दिन मुझे समाचार पत्रों से पता चला कि मेरी याचिका को निस्तारित कर दिया गया है, के आदेश की काॅपी लेने पहुंचा। इससे पहले ई-मेल के माध्यम से विधानसभा अध्यक्ष एवं विधानसभा सचिव को निस्तारित याचिका के आदेश की प्रति उपलब्ध कराने के लिए निवेदन किया। परन्तु अब तक उपलब्ध नहीं करवाई गई एवं मुझे आदेश की प्रति दिए बिना ही उच्च न्यायालय में प्रति पेश कर दी गई। जिसके आधार पर मेरी याचिका उच्च न्यायालय में निरस्त हो गई।
उन्होंने कहा कि यह निर्णय टैक्निकल ग्राउण्ड पर हुआ न कि मैरिट के आधार पर। दिलावर ने कहा कि विधि विशेषज्ञों से राय ले रहे हैं, उनकी राय अनुसार ही न्यायालय में निवेदन करेंगे। किसी भी पार्टी का विलय दूसरी पार्टी में पूरा होता है, खण्ड-खण्ड नहीं होता। बसपा विधायकों का पार्टी सहित विलय विधि विरूद्ध है, क्योंकि यह बसपा राष्ट्रीय पार्टी की प्रादेशिक ईकाई है। अतः कांग्रेस को या अन्य लोगों को खुश होने की जरूरत नहीं। हम पुनः न्यायालय में निवेदन करेंगे।