जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की निलंबित महापौर सौम्या गुर्जर की याचिका को आज खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति पंकज भंडारी एवं चंद्र कुमार सोनगरा खंडपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए इस मामले में न्यायिक जांच को छह महीने में पूरा कर न्यायालय को अवगत कराने के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने गत 14 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
उल्लेखनीय है कि गत चार जून को ग्रेटर नगर निगम मुख्यालय में श्रीमती गुर्जर के चैम्बर में निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह के साथ हुए विवाद के बाद आयुक्त की शिकायत पर जांच के बाद छह जून को महापौर सौम्या गुर्जर तथा तीन पार्षदों को राज्य सरकार ने निलंबित कर मामले में न्यायिक जांच का फैसला किया था। श्रीमती गुर्जर ने सरकार के इस निर्णय को न्यायालय में चुनौती दी थी।
याचिका खारिज होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने कहा कि वे न्यायालय का सम्मान करते हैं और इस मामले में कानून का जो रास्ता बनेगा और कानूनी राय लेने के बाद आगे कदम उठाया जायेगा। इसी तरह सौम्या गुर्जर ने कहा कि कानूनी राय के तहत आगे के लिए विचार किया जाएगा।
भाजपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने महापौर को निलंबन करके दोहरा मापदंड का काम किया हैं और वे इसी का विरोध कर रहे हैं बल्कि महापौर कौन बने, यह मुद्दा नहीं है।