अजमेर। राजस्थान लोकसेवा आयोग के विरुद्ध तथ्यहीन याचिका दायर करने के वाले अभ्यर्थी के खिलाफ उच्च न्यायालय ने 10 हजार रुपए शास्ती लगाई है।
अजमेर मुख्यालय पर आयोग के विशेषाधिकारी चेतन त्रिपाठी ने बताया कि उपनिरीक्षक प्रतियोगी परीक्षा-2016 में उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन पर तथ्यहीन याचिका अभ्यर्थी ने दायर की थी। यह वाद विक्रम सैनी बनाम राजस्थान लोकसेवा आयोग के नाम से हाईकोर्ट में चला।
उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय में दायर उक्त वाद के निस्तारण में माननीय न्यायाधीश ने अभ्यर्थी को गलत मानते हुए उस पर दस हजार रुपए शास्ती लगाई है। साथ ही शास्ती नहीं चुकाने की स्थिति में अभ्यर्थी को दो साल तक आयोग की किसी भी परीक्षा में बैठने से वंचित किये जाने का आदेश दिया।
उक्त आदेश की रोशनी में आयोग ने किसी भी परीक्षा के अभ्यर्थियों से कहा है कि वे आयोग की परीक्षा के मामले में किसी से गुमराह होने के बजाय आयोग की अधिकृत वेबसाइट अथवा पोर्टल से तथ्यात्मक जानकारी जुटाएं।