जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने पिछले दरवाजे से नौकरी प्राप्त करने वाले 21 कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए है।
न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा दिनेश सोमानी ने अपने फैसले में कहा है कि उच्च न्यायालय में असंवैधानिक तरीके से नौकरी देना न केवल असंवैधानिक है बल्कि इससे समाज में गलत संदेश भी गया है।
इससे पहले अधिवक्ता ललित शर्मा ने अदालत को बताया कि उच्च न्यायालय में 2008 में नौकरी के लिए विज्ञप्ति निकाली गई थी लेकिन 2009 में बिना वैधानिक प्रक्रिया अपनाए रसूखदारों को नौकरियां बांट दी गई। इनमें मुख्य न्यायाधीश के करीबी तथा रजिस्ट्रार का पुत्र भी शामिल था।