नई दिल्ली/चंडीगढ़। वर्षों से लम्बित यमुना बेसिन पर यमुना की सहायक गिरी नदी पर प्रस्तावित रेणुकाजी बहुउदेश्यीय बांध परियोजना अब साकार होने जा रही है। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन जयराम गडकरी और हरियाणा समेत उत्तर भारत के छह राज्यों के मुुख्यमंत्रियों ने आज नई दिल्ली में इस परियोजना के लिए समझौते पर हस्ताक्षरित किए।
समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले इन मुख्यमंत्रियों में हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, उत्तराखंड के त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल के जयराम ठाकुर, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और राजस्थान के अशोक गहलोत है। इस अवसर पर केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन सिंह मेघवाल और सत्यपाल सिंह भी मौजूद थे।
गडकरी ने इस अवसर पर मीडिया से बातचीत में कहा कि देश में पर्याप्त जल संसाधन हैं। राज्यों की आवश्यकतानुसार जल उपयोग के लिए प्रस्तावित परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जाना ही केंद्र सरकार की प्राथमिकता है।
उपरी यमुना बेसिन पर यमुना और उसकी सहायक नदियों पर निर्मित किये जाने वाले तीन जल भंडारण बांध परियोजनाओं से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में पर्याप्त सिंचाई और पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। इससे यमुना नदी की क्षमता में 160 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
खट्टर ने इस अवसर पर कहा कि उपरी यमुना बेसिन पर यमुना और उसकी सहायक नदियों पर प्रस्तावित लखवार बहुद्देशीय बांध परियोजना, रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध परियोजना और किशाऊ बहुद्देशीय बांध परियोजना का 47.82 प्रतिशत जल हरियाणा को मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिलेर में यमुना नदी की सहायक गिरी नदी पर 1508 हैक्टेयर क्षेत्र मेंं कुल 4596.76 करोड़ रुपये लागत से 148 मीटर ऊंचा रेणुकाजी बहुद्देशीय बांध का निर्माण किया जाएगा।
इस परियोजना की कुल लागत में सिंचाई और पेयजल का घटक 4325.43 करोड़ रुपए तथा विद्युत उत्पादन का घटक 277.33 करोड़ रुपए है। परियोजना के सिंचाई एवं पेयजल घटक का 90 प्रतिशत यानि 3892,83 करोड़ रुपए केंद्र सरकार तथा शेष 10 प्रतिशत यानि 432.54 करोड़ रुपए उक्त राज्य वहन करेंगे।
रेणुकाजी बांध का निर्माण हिमाचल प्रदेश विद्युत निगम द्वारा किया जाएगा। इस परियोजना की भंडारण क्षमता 0.404 एमएएफ होगी और 23 क्यूसेक जलापूर्ति बेसिन राज्यों को हो सकेगी। रेणुकाजी बांध के निर्माण के उपरांत यमुना की सहायक नदी गिरी की बहाव क्षमता में 110 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
इस परियोजना से उच्चतम बहाव के दौरान 40 मेगावाट तक विद्युत उत्पादन भी होगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली द्वारा विद्युत उत्पादन का 90 प्रतिशत खर्च वहन किया जाएगा। इस बांध के लिये केंद्र सरकार 446.96 करोड़ रुपए, दिल्ली सरकार 214.84 करोड़ रुपए और हरियाणा द्वारा 25 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।