जयपुर। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव, 24 घंटे पहले राजपा का भाजपा में विलय करने वाले डा. किरोड़ीलाल मीणा और पूर्व विधायक एवं संघ पृष्ठभूमि से जुड़े मदन लाल सैनी ने सोमवार को राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल किया।
नामांकन के समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेश अघ्यक्ष अशोक परनामी, मंत्रिमंडल के सदस्य ओर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे। नामांकन दाखिल करने के साथ ही तीनों का राज्यसभा में जाना लगभग निश्चित है।
राज्यसभा चुनाव के लिये अन्य किसी के मैदान में नहीं उतरने के कारण नामांकन पत्रों की जांच के साथ ही इनका निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही राज्य सभा में सभी दस सदस्य भाजपा के हो जाएंगे।
नामांकन के समय चौबीस घंटे पहले ही पार्टी में शामिल हुये किरोडी लाल मीणा के दूर दूर से आये भारी संख्या में समर्थक मौजूद थे। नामांकन के दोेैरान उनके समर्थकों के भारी संख्या में मौजूदगी को उनकी ताकत से जोड़ कर देखा जा रहा है।
इस अवर पर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि मेरा एक सक्षम भाई फिर संगठन से जुड गया है ओर इनकी ताकत से संगठन और मजबूत होगा। उन्होंने दोहराया कि मीणा जैसे सक्षम व्यक्ति के पार्टी में पुन शामिल होने से कांग्रेस मुक्त राजस्थान का सपना जरूर साकार होगा और कार्यकर्ता दुगुने जोश से आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत के लिए जुटेंगे।
भाजपा ने इस बार जातीय समीकरण साधने के लिए यादव, मीणा एवं माली समाज से एक-एक प्रतिनिधि को उम्मीदवार बनाया है।
पार्टी ने हाईकमान के पसंदीदा एवं पार्टी के रणनीतिकार भूपेन्द्र यादव को टिकट जाति से ज्यादा चुनाव में उनकी रणनीतिक भूमिका एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की पसंद को देखकर दिया है। वह वर्तमान में राजस्थान से ही भाजपा के राज्यसभा सांसद है। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी मुख्य भूमिका रह सकती है। वर्ष 2013 में भी यादव ही मुख्य रणनीतिकार थे।
पार्टी ने आदिवासी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा को पुन पार्टी में शामिल कर उन्हें राज्य सभा का उम्मीद्वार बनाया है। मीणा अपने भाई जगनमोहन को राज्य सभा भेजना चाहते थे लेकिन, सीएम ने किरोड़ी के नाम पर मुहर लगवाई। उनके पार्टी में शामिल होने से आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को इससे बड़ा फायदा होगा।
इसी तरह झुंझुनूं जिले की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से पूर्व विधायक मदनलाल सैनी को पार्टी प्रत्याशी बना भाजपा ने संगठन से जुडे लोगों को भी एक संदेश दिया है। सैनी भाजपा प्रदेश अनुशासन समिति के अध्यक्ष भी रहे हैं। वे आरएसएस जुड़े रहे हैं। प्रदेश में माली समाज का भाजपा से अच्छा-खासा जुड़ाव रहा है। सैनी को उम्मीदवार बनाने की रणनीति को समाज को खुश करने की कोशिश मानी जा रही है।