जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्तारुढ़ भाजपा तथा विद्रोही उम्मीदवारों से कड़ा मुकाबला करते हुए कांग्रेस ने आखिर बहुमत का आंकड़ा छूने के करीब पहुंच गई और उसे 199 सीटों में सौ से अधिक सीटें मिलना दिखाई दे रहा हैं।
दिन भर बढत बनाने वाली कांग्रेस को शाम तक बहुमत का इंतजार रहा तथा उसने जादूई आंकड़ा छूने के करीब पहुंच गई लेकिन पार्टी को प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री गिरिजा व्यास, मानवेन्द्र सिंह की कमी खलेगी।
सत्ता विरोधी लहर से बुरी तरह हारने वाली भाजपा को प्रचार के आखिरी दिनों में हिन्दुत्व के मुद्दे ने जीवनदान दिया लेकिन भाजपा के गढ माने जाने वाले जयपुर में कांग्रेस के दोनों मुस्लिम उम्मीदवारों को जीतने से नहीं रोका जा सका। परमाणु बम विस्फोट स्थल पोकरण में भाजपा के महंत प्रतापपुरी का जादू भी कांग्रेस के शाले मोहम्मद के सामने नहीं चल पाया।
भाजपा को सांसद कर्नल सोनाराम को बाड़मेर से उतारना महंगा पड़ा जबकि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आए हरीश मीणा उनियारा से चुनाव जीत गए। कांग्रेस के रघु शर्मा को केकड़ी से जीत मिली लेकिन उनके साथ उपचुनाव जीतने वाले डॉ कर्ण सिंह किशनगढवास से चुनाव हार गए।
भाजपा छोड़कर अलग पार्टी बनाने वाले घनश्याम तिवाड़ी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा। लेकिन राष्ट्रीय लाेकतांत्रिक पार्टी बनाने वाले हनुमान बेनीवाल चुनाव जीत गए।
माकपा के श्रीडूंगरगढ से गिरधारी लाल तथा भादरा से बलराम पूनियां ने जीत दर्ज कर प्रदेश में पार्टी का परचम फहराया। इसी तरह बसपा के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढा, किशनगढबास से दीप चंद खैरिया, नगर से वाहिद अली तथा तिजारा से संदीप यादव ने पार्टी की पहचान बनाई हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाली ममता शर्मा पीपलदा से चुनाव हार गई लेकिन लाडपुरा से कल्पना को जीत का सहारा मिल गया। धौलपुर जिले के राजाखेडा से अशोक शर्मा को भाजपा रास नहीं आई और वह कांग्रेस के रोहित बोहरा से हार का सामना करना पड़ा। धौलपुर में पिछली बार उपचुनाव जीतने वाली शोभारानी कुशवाहा फिर चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। बसपा विधायक मनोज न्यांगली सादुलपुर से कांग्रेस की कृष्णा पूनिया से चुनाव हार गए।
भरतपुर में पूर्व मंत्री डॉ दिगम्बर सिंह के पुत्र शैलेन्द्र को सहानुभूति का सहारा नहीं मिला तथा कांग्रेस के कद्दावर नेता विश्वेन्द्र सिंह से चुनाव में हार मिली। नसीराबाद से पूर्व मंत्री सांवर लाल जाट के बेटे रामस्वरुप को कांग्रेस के रामनारायण गुर्जर से जीत हासिल हुई। अजमेर लोकसभा उपचुनाव में वह कांग्रेस के रघुशर्मा से हार गए थे।
भंवरी कांड में जेल में बंद कांग्रेस के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा की पुत्री दिव्या मदेरणा तथा पूर्व विधायक मलखान सिंह के बेटे महेन्द्र को भी जीत मिल गई। कांग्रेस की टिकट कटने के बावजूद पूर्व मंत्री बाबू लाल नागर निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में चुनाव जीतने में कामयाब रहे।
अपने पिता एवं पूर्व मंत्री जसवंत सिंह की बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से टिकट काटने से नाराज होकर बदला लेने के लिए झालरापाटन से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने उतरे मानवेन्द्र सिंह को सफलता नहीं मिल सकी।
कांग्रेस ने पन्द्रह मुसलमान उम्मीदवार को बनाया जिसमें कई उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि भाजपा ने सिर्फ एक मुसलमान उम्मीदवार को चुनाव लड़ाया जो टोंक से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के सामने चुनाव हार गए। सवाईमाधोपुर से जयपुर की पूर्व महारानी दिया कुमारी की टिकट काटना भी भाजपा को रास नहीं आया तथा कांग्रेस के दानिश अबरार चुनाव जीत गए।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा के शम्भू सिंह खेतासर को दूसरी बार हराया लेकिन सूरसागर से भाजपा की सूर्यकांता व्यास कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवार अयूब खान के सामने नहीं टिक पाई। सवाईमाधोपुर दौसा में इस बार किरोड़ी लाल मीणा के भाजपा में वापस आने का कोई विशेष फायदा नहीं मिला।
गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया कांग्रेस की गिरिजा व्यास को कड़े मुकाबले में हरा पाए तथा भाजपा की बागी बनकर चुनाव में उतरे धन सिंह मीणा, अनीता कटारा को जीत का सहारा नहीं मिल सका। पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह के दामाद नरपतसिंह राजवी विद्याधरनगर से भाजपा तथा भतीजा प्रताप सिंह खाचरियावास सिविल लाइंस कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीत गए।
राज्य/सीट | BJP | CONGRESS |
RAJASTHAN-199 | 72 | 100 |
MP-230 | 113 | 109 |
CG-90 | 16 | 65 |
Telangana-119 | 01 | 19 |