जयपुर। राजस्थान में निगम चुनावों में मंगलवार को मतगणना के बाद कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी ने दो दो निगमों जीत दर्ज की जबकि दो निगमों में किसी को बहुमत नहीं मिला, इसके बावजूद कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा।
जयपुर ग्रेटर में भाजपा ने दबदबा बनाते हुए कुल 150 वार्डों में से 88 में जीत दर्ज करके कांग्रेस को पीछे छोड़ दिया। यहां कांग्रेस को 49 और 13 वार्डों में अन्य को जीत हासिल हुई है। वहीं जयपुर हैरिटेज निगम में कांग्रेस ने 100 सीटों में से 47 वार्डों में जीत हासिल की लेकिन वह बहुमत से चूक गई। यहां भाजपा के 42 और 11 वार्डों में निर्दलीय जीते हैं।
जोधपुर के दोनों निगमों में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एक एक निगम में विजयी हुए हैं। जोधपुर उत्तर में कांग्रेस ने कुल 80 वार्डों में से 53 पर जीत पाकर स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया। यहां भाजपा को 19 वार्डों में जीत हासिल हुई। वहीं शेष में आठ निर्दलियों ने बाजी मारी है। यह इलाका अशोक गहलोत का माना जाता है, लिहाजा यहां उनकी प्रतिष्ठा दांव पर थी। यहां उनका निवास भी है। इसी क्षेत्र सरदारपुरा विधानसभा से वह विधायक हैं।
दूसरी ओर जोधपुर दक्षिण नगर निगम में भाजपा ने 80 में ये 43 वार्डों में जीत दर्ज करके हिसाब बराबर कर लिया। यहां कांग्रेस को 29 वार्डों में जीत मिली जबकि आठ निर्दलीय जीते हैं। यह क्षेत्र केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह जोधपुर के सांसद हैं। हालांकि इस जीत से वह किसी तरह अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रहे।
उधर, कोटा के दो नगर निगमों में से कोटा उत्तर में कांग्रेस ने 70 में से 47 सीटों पर कब्जा करके सपष्ट बहुमत हासिल। यहां भाजपा को काफी मायूसी का सामना करना पड़ा। उसके हाथ केवल 14 सीटें लगी जबकि नौ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी विजयी रहे। दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा का गढ़ समझे जाने वाले कोटा दक्षिण में भाजपा को कड़ी टक्कर देते हुए 36 सीटों पर कब्जा जमाया। इतनी ही सीटें भाजपा के हिस्से में आईं। दोनों दल 36-36 सीटें जीतकर बराबरी पर रहे।
हालांकि यहां आठ सीटों पर निर्दलीय चुनाव जीत गए हैं जिनके दोनों ही दल अपनी विचारधारा का होने का दावा कर रहे हैं। फिलहाल यहां बोर्ड गठन की चाबी निर्दलियों के हाथों में हैं। यहां अपनी साख बचाने के लिए भाजपा पूरा जोर लगा रही है।
उधर, जयपुर हैरिटेज और कोटा दक्षिण में किसी को बहुमत नहीं मिलने से दोनों दलों ने अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी शुुरु कर दी है। हालांकि भाजपा ने परिणामों से पहले ही अपने पार्षदों को एक होटल में बुला लिया है। दूसरी ओर आश्वस्त नजर आ रही कांग्रेस जयपुर हैरिटेज में बहुमत नहीं मिलने पर सतर्क हो गई है और उसने भी अपने पार्षदों की बाड़ेबंदी करते हुए निर्दलियों को साधना शुरु कर दिया है।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोबिंद सिंह डोटासरा ने परिणामों पर संतोष जताते हुए दावा किया कि जयपुर हैरिटेज में 11 निर्दलीय कांग्रेस की विचारधारा के हैं और वे सभी उनके सम्पर्क में हैं। उनकी मदद से कांग्रेस जयपुर हैरिटेज में अपना बोर्ड बनाएगी। उन्होंने कहा कि कोटा दक्षिण में भी समान विचारधारा वाले आठ निर्दलियों की मदद से कांग्रेस बोर्ड बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि नगर निगमों में कांग्रेस की जीत राज्य सरकार के दो वर्ष के सुशासन पर जनता की मुहर है। जनता के कल्याण एवं विकास के लिए किए गए राज्य सरकार के कार्यों के चलते ऐसे सुखद परिणाम आये हैं। खासकर कोरोना काल में सरकार जिस तरह जनता के साथ खड़ी नजर आई उससे जनता का कांग्रेस पर भरोसा बढ़ा है।
वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने जयपुर, जोधपुर, कोटा के नगर निगम चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सहित सभी बड़बोले नेता अब बगलें झांक रहे हैं, उनके बयान धरे रह गए। राजस्थान की जनता द्वारा दिए गए जनादेश पर उनको स्पष्टीकरण ही नहीं सूझ रहा है। परिसीमन से शुरु की गई मतदान की धांधलियों के बावजूद जनता ने कांग्रेस के कुशासन को नकार दिया है।
उन्हाेंने कहा कि आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस सरकार ने परिसीमन में गड़बड़ियां, सत्ता का दुरूपयोग, मतदान में धांधली से लेकर क्या-क्या नहीं किया गया, लेकिन फिर भी परिणाम कांग्रेस के पक्ष में नहीं गया। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार के जनादेश के पतन की शुरूआत हो गई है, जिसकी परिणिति पंचायतीराज चुनाव में हो जाएगी।