जैसलमेर। राजस्थान में जैसलमेर जिला प्रमुख के चुनाव में आज उस समय जबरदस्त उलटफेर हुआ जब कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के गढ़ में सेंधमारी करते हुए अपना जिला प्रमुख बना दिया।
इस तरह करीब 20 साल पुराना कांग्रेस का किला जिला प्रमुख के चुनाव में ढह गया। इन चुनावों में कांग्रेस को नौ एवं भाजपा को आठ मत मिले थे। आज हुए मतदान के बाद भाजपा के प्रत्याशी प्रतापसिंह को 12 एवं कांग्रेस की प्रत्याशी रूकिया खातून को पांच मत ही मिले। इस तरह कांग्रेस के चार सदस्यों ने बगावत करते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान किया। भाजपा की इस विजयी गाथा में तारातरा मठ के महंत के प्रतापपुरी महाराज ने पूरी कमान संभाल रखी थी।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने भी भाजपा का जिला प्रमुख बनाने के लिये जोरदार प्रयास एवं प्रचार प्रसार किया था। इस विजयी के बाद भाजपा में जश्न का माहौल है।
उधर पंचायत समिति चुनाव में भी काफी उलटफेर देखा गया, सात पंचायत समितियों में से चार पर कांग्रेस के प्रधान विजयी हुए तीन में भाजपा के प्रधान घोषित हुए। जैसलमेर पंचायत समिति में चुनाव के दौरान एक कोविड संक्रमित सदस्य द्वारा पीपीई किट पहनकर मतदान किया।
जिला प्रमुख के चुनाव में भीतरघात होने की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही थी खासकर कांग्रेस में जिला प्रमुख की दावेदारी दो गुटों द्वारा की जा रही थी एक गुट विधायक रूपाराम मेघवाल का था जिनमें विधायक रूपाराम द्वारा अपनी बेटी अंजना मेघवाल को जिला प्रमुख की टिकट दिलवाने की भरपूर कोशिश की जा रही थी जबकि दूसरा गुट गाजी फकीर परिवार से केबीनेट सालेह मोहम्मद के भाई अब्दुला फकीर का था मंत्री सालेह मोहम्मद द्वारा अपनी भाई को टिकट दिलवाने के लिए अड़े हुए थे।
दोनों गुटों द्वारा टिकट लेने को लेकर अड़े होने को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान द्वारा दोनों पक्षों को दूसरे अन्य उम्मीदवार को टिकट देने के लिए राजी किया उसके बाद कांग्रेस ने रूकिया खातून नामक जिला परिषद की सदस्य को अपना उम्मीदवार बनाया। बताया जाता हैं कि रूकिया खातून पोकरण क्षेत्र के वार्ड से विजयी हुई थी तथा मंत्री सालेह मोहम्मद एवं उसके भाई अब्दुला फकीर की काफी नजदीक मानी जाती थी।
उधर कांग्रेस में कुछ जिला परिषद के जीते हुए सदस्यों में रूकिया खातून को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर नाराजगी थी। इसको लेकर संभवतः नाराज चार कांग्रेस के सदस्यों ने बगावत करते हुए भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान कर भाजपा का जिला प्रमुख बनवा दिया। इस तरह कांग्रेस में 20 साल का किला ढह गया और 20 साल भाजपा का जिला प्रमुख बन पाया है।