जयपुर। राजस्थान में सीआईडी क्राइम ब्रांच जयपुर की टीम ने साइबर ठगी के दो और आरोपियों की गिरफ्तार किया है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एमएन ने बताया कि दोनों आरोपी सगे भाई हैं। जयपुर में रहते हुए चाय की थड़ी पर बैठकर बेरोजगार छात्रों को विश्वास में लेकर तीन हजार रुपये देकर पहले उनका विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाते। बाद में उन खातों को साइबर ठगों को 13 हजार रुपए में बेच देते।
एमएन बताया कि सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम ने गत पांच अप्रैल को जवाहर नगर थाना क्षेत्र में फर्जी तरीके से एटीएम तैयार कर दिन में 10-12 लाख रुपए एटीएम से निकालने वाले तीन अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 11.73 लाख रुपए जब्त किए थे। मामले में सीआईडी, जयपुर, भरतपुर और कोटा पुलिस द्वारा अब तक कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि सीआईडी क्राइम ब्रांच की टीम लगातार इन अभियुक्तों के गिरोह पर नजर रखे हुए थी। डीआईजी क्राइम राहुल प्रकाश के मोनिटरिंग और एएसपी हरिराम कुमावत के सुपरविजन में आसूचना संकलन के दौरान टीम को आदित्य जांगिड़ (24) और उसके भाई रवि जांगिड़ (21) निवासी थाना खेड़ली जिला अलवर हाल जयपुर के बारे में सूचना मिली। सूचना पर इनके बारे में जानकारी हासिल की गई और उन पर निरंतर नजर रखी गई।
टीम को सूचना मिली थी कि आरोपी आदित्य जांगिड़ अलवर में टेलीपरफारमेंस कंपनी में कस्टमर केयर पर करीब दो साल काम कर चुका है। फिलहाल जयपुर में जगतपुरा में कॉलेज के पास चाय की दुकान पर और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर कॉलेज के छात्रों से संपर्क कर उन्हें ट्रेडिंग के काम के बारे में बताता और काम के लिए प्रेरित कर मोबाइल नंबर लेकर व्हाट्सएप से संपर्क करता।
डीआईजी क्राइम डॉ राहुल प्रकाश ने बताया कि बैंक में छात्रों से खाता खुलवा अपने बैंक के सरगना असलम फौजी निवासी नगर से टेलीपरफारमेंस सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का नियुक्ति प्रस्ताव पत्र फर्जी तरीके से बनवा उनसे बैंक में खाता खुलवा बैंक खाते के दस्तावेज, चेक बुक, एटीएम, एटीएम पिन आदि का लिफाफा प्राप्त कर धोखाधड़ी करने वाले ठगों को 13 हजार रुपए में बेच देता।
दोनों साइबर ठगों के पास से टीम ने नौ बैंक खातेदारों के खाते किट, सात अन्य बैंकों के चेक, 24 अन्य बैंक खातों का विवरण तथा अन्य जरूरी दस्तावेज और एक स्विफ्ट कार बरामद की है।