जयपुर। राजस्थान के सरकारी मुख्य सचेतक एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डा महेश जोशी ने कहा है कि रविवार के घटनाक्रम से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कोई लेना देना नहीं हैं और एक भी विधायक को कांग्रेस विधायक दल की बैठक के लिए संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के घर जाने के लिए नहीं कहा गया था।
डा जोशी ने आज मीडिया से कहा कि वह चाहते हैं कि उन्हें स्पष्टीकरण का मौका मिले और अगर आलाकमान उन्हें इस संबंध में कोई स्पष्टीकरण के लिए नोटिस देता है तो हम यह सारी बातें उसमें उल्लेख करेंगे। अगर आलाकमान कोई सजा भी देगा तो भुगतने के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि परसों जो हुआ उसमें गहलोत का कोई लेना देना नहीं हैं। नोटिस के बारे में पूछने पर कहा कि अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला हैं लेकिन वह चाहते हैं कि उन्हें नोटिस दे ताकि स्पष्टीकरण देने का मौका मिले। उन्होंने कहा कि पार्टी नेता वेणुगोपाल का ट्वीट बैठक का एजेंडा था जिसमें कोई रायशुमारी का जिक्र नहीं था।
उन्होंने कहा कि हमने कभी नहीं कहा कि हमारी तीनों बातें प्रस्ताव का हिस्सा बने, हमने सिर्फ इतना कहा कि यह बात यह आलाकमान तक पहुंचा दी जाए, इसके बाद आलाकमान के फैसले पर एक लाइन का प्रस्ताव हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन को कोई भ्रम हुआ है, हमें तो बैठक का एजेंडा ही पता नहीं था। उन्होंने कहा कि हमने आलाकमान के प्रति वफादारी में कोई कमी नहीं रखी हैं। कोई हमारी वफादारी पर शक खडा करेगा तो हम उस वफादारी को सिद्ध करेंगे और वफादारी तो सिद्ध कर दी है। अगर हमारी वफादारी नहीं होती तो कब की ही सरकार गिर गई होती।
डा जोशी ने कहा कि बैठक में रायशुमारी के बारे में कोई सूचना नहीं थी। उन्होंने कहा कि जब विधाायक दल की बैठक में रायशुमारी का एजेंडा नहीं था तो उन पर आरोप क्यों लगाए जा रहे है। बैठक में रायशुमारी होगी, यह हमारे पास एजेंडा नहीं था।
बैठक से पहले चर्चा एवं शंका हुई, उसके समाधान के लिए विधायक दल की बैठक से पहले रायशुमारी के लिए विधायक इकट्ठे हुए। सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा के बयान पर उन्होंने कहा कि इस पर वह टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं लेकिन उनसे अनुरोध है कि उनकी बातें ऐसी लगनी चाहिए कि मंत्री बोल रहा है।
राजस्थान के घटनाक्रम पर खडगे-माकन ने सोनिया गांधी को सौंपी रिपोर्ट