अलवर। राजस्थान की कांग्रेस सरकार के लिए प्रतिष्ठा की सीट बनी अलवर जिले के रामगढ़ का चुनाव आखिर कांग्रेस ने जीत ही लिया है। कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान ने यह सीट अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के सुखवंत सिंह को 12 हजार 288 वोटों से हराकर हासिल की है।
पिछली बार यहां भाजपा के ज्ञानदेव आहुजा विधायक के रूप में निर्वाचित हुए थे। इस बार आहुजा को पार्टी ने टिकिट नहीं दिया। भाजपा ने सुखवंत पर दांव आजमाया। इसी तरह कांग्रेस ने भी रामगढ़ से विधायक रहे अपने वरिष्ठ नेता जुबेर खान को टिकिट न देकर उनकी पत्नी साफिया खान को मैदान में उतारा।
रामगढ़ क्षेत्र में चुनाव को त्रिकोणिय बनाने के लिए बहुजन समाज पार्टी की ओर से कुवंर जगत सिंह ने चुनाव लड़ा। चुनाव प्रचार के दौरान ही यह स्पष्ट हो गया था कि रामगढ़ में कांग्रेस अन्य सभी उम्मीदवारों पर भारी पड़ रही है। यद्यपि बसपा के प्रत्याशी जगत सिंह ने यहां चुनाव लड़कर मुकाबले को रोचक बनाने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
इधर भाजपा के भी कई कद्दावर नेता चुनाव प्रचार के लिए रामगढ़ में पहुंचे। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर जमकर भाषणबाजी की। मगर रामगढ़ क्षेत्र के मतदाताओं को वे ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके। 28 जनवरी को यहां मतदान हुआ। आज सुबह 8 बजे से मतों की गिनती शुरू हुई। कांग्रेस प्रत्याशी को कुल 83311 वोट मिले। इसी तरह भाजपा को 71083 जबकि बसपा को 24856 मत हासिल हुए।
शुरूआती रूझानों से ही कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान भाजपा व बसपा के प्रत्याशी पर भारी रही। चुनाव परिणामों में साफ नजर आया है कि दिग्गज नेता बसपा प्रत्याशी जगत सिंह और भाजपा के नए चेहरे सुखवंत सिंह पर कांग्रेस प्रत्याशी साफिया भारी रही।
चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट को प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस सीट को जीतने के लिए रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के कई दौरे भी किए। इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी यहां जनसभाएं की। मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी किसी भी राउंड में भाजपा प्रत्याशी से पीछे नहीं रही। यह अंतर पहले कम था जो बाद में निरंतर बढ़ता गया।
कांग्रेस ने रामगढ़ सीट जीतकर अपना 100 का आंकड़ा पूरा कर लिया है। अब पार्टी के पास पूरे 100 विधायक है और वह अब राज्य की सत्ता में प्रमुख पार्टी है। रामगढ़ विधानसभा सीट के आए परिणामों में कांग्रेस प्रत्याशी साफिया खान ने जीत दर्ज कर पार्टी के आंकड़े को पूरा किया। कांग्रेस की जीत के बाद अब भाजपा के पास शेष 73 विधायक ही बचे है।
उल्लेखनीय है कि दोनों दलों की ओर से इस जीत को लोकसभा चुनाव में भुनाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। यही वजह है कि सत्ताधारी कांग्रेस ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी। उल्लेखनीय है कि बसपा प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह चौधरी के निधन होने से इस सीट पर चुनाव रद्द किया गया तथा राज्य की 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे।