अजमेर। राजस्थान रोडवेज यूनियनों की संयुक्त रूप से बीते तीन दिन से चक्का जाम के रूप में जारी हडताल के समर्थन में गुरुवार को अन्य श्रम संगठनों का समर्थन मिल गया है। सभी संगठनों ने रोडवेज कर्मियों के समर्थन में रैली निकाली।
दोपहर 12 बजे श्रम संगठनों के नेता और प्रतिनिधि शहर के बीचोंबीच मदार गेट पर गांधी भवन चौराहे पर जमा हो गए। इसके बाद रोडवेज बस स्टैंड तक रैली निकाली तथा संयुक्त रूप से प्रदर्शन किया। रैली में सरकार की हठधर्मिता तथा वार्ता के लिए आमंत्रित नहीं किए जाने के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई।
रैली में नार्दन रेलवे यूनियन, भारतीय जीवन बीमा निगम,कम्रचारी संघ, आॅटो टैक्सी यूनियन, बार एसोशिएसन, व्यापार संघ, संयुक्त कर्मचारी महासंघ, नगर निगम फैडरेशन, बीएसएनएल संघ, एचएमटी संघ से जुडे कर्मचारियों व सदस्यों ने भाग लिया।
रैली बस स्टेंड पहुंचकर सभा में तब्दील हो गई। सभा को संबोधित करते हुए श्रमिक संघों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर बयानबाजी की। मोहन चैलानी ने कहा कि सरकार रोडवेज कर्मियों से समझौते के 27 जुलाई को निर्णय को तत्काल लागू करते हुए कर्मचारियों को राहत प्रदान करे। अरुण गुप्ता ने कहा कि आगामी चुनाव में सरकार को वोट की चोट दी जाएगी। इस कर्मचारी विरोधी सरकार को विदा करने का समय आ गया है।
महासंघ कर्मचारी अध्यक्ष कांति कुमार शर्मा ने परिवहन मंत्री युनूस खान के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि कर्मचारियों से टकराकर अगली सरकार नहीं बनाई जा सकती। 27 जुलाई के पूर्व में लिए गए निर्णयों को सरकार जब तक लागू नहीं करती कर्मचारी चुप नहीं बैठेंगे।
सभा में कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया कि अभी तो रोडवेज का चक्का जाम किया है, अगर सरकार ने मांगे नहीं मानी तो लोक परिवहन और निजी बसों को भी नहीं चलने दिया जाएगा। इस अवसर पर सुनीत पुट्टी, गणपतलाल गोरा, राधावल्लभ शर्मा, करण सिंह, दीपक वर्मा, अजय त्रिपाठी, मोहनलाल शर्मा, हजारी लाल चौधरी समेत कई नेता मौजूद रहे।