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राजस्थान सरपंच संघ की लम्बित मांगों पर बनी सहम​​​​ति
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राजस्थान सरपंच संघ की लम्बित मांगों पर बनी सहम​​​​ति

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राजस्थान सरपंच संघ की लम्बित मांगों पर बनी सहम​​​​ति

जयपुर। राजस्थान में सरपंच संघ की लम्बित मांगों पर मंगलवार को राज्य सरकार की सहमति बन गई। ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री राजेन्द्र राठौड़ एवं सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष भंवरलाल जानू के मध्य शासन सचिवालय में सौहार्दपूर्ण बातचीत के बाद सरकार ने संघ की सभी लम्बित मांगों पर सहमति व्यक्त की।

इसके बाद राठौड़ ने बताया कि वर्तमान में विभाग में पांच लाख रुपए तक का कार्य श्रम एवं सामग्री सहित सीमित निविदा के आधार पर कराया जा रहा है, जिसकी वार्षिक सीमा केवल सामग्री एवं विविध व्यय के पेटे मानी जाएगी, मस्टररोल पर नियोजित होने वाले श्रमिक इस सीमा में शामिल नहीं होंगे तथा पांच लाख में अधिक लागत के कार्य मस्टर रोल पर भी कराएं जा सकेंगे।

उन्होंने बताया कि निजी भूमि पर ट्यूबवेल, हैण्डपम्प, पानी की टंकी तथा टांका निर्माण 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर सहमति पत्र जारी करने पर निर्माण कराया जा सकेगा और इसी सहमति पत्र के आधार पर इनका आवश्यक नामान्तकरण भी कराया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि सभी जिलों एवं पंचायत समितियों में 31 मार्च तक विभागीय गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना हो जाएगी, इससे गांवों में कार्यों की गुणवत्ता परीक्षण कराने में सरपंचों को आ रही कठिनाइयों का निस्तारण हो सकेगा।

इकतीस मार्च तक गुणवत्ता प्रयोगशालाएं स्थापित न होने पर वहां विभाग द्वारा मोबाइल लैब की सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। चौदह जिला मुख्यालयों एवं 113 पंचायत समितियों में इनकी स्थापना की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि गांवों की सफाई एवं रोशनी व्यवस्था के लिए बीएसआर दरों का निर्धारण कर दिया गया है।

राठौड़ ने कहा कि कई बार सरपंचों के विरूद्ध सारहीन एवं तथ्यहीन शिकायतें भी की जाती हैं। इसके मद्देनजर अब शिकायतकर्ता से सरपंचों के विरूद्ध शिकायत दर्ज कराते समय पचास रुपए के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र लिए जाने के आदेश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि आबादी भूमि में पट्टों के नामान्तकरण एवं रूपान्तरण की लम्बित मांगे भी मान ली गई हैं और शीघ्र ही इसके लिए आवश्यक आदेश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वर्तमान में एसओपी के तहत जेईएन एवं जेटीए को 15 लाख रुपए तक एवं एक्सईएन को 50 लाख रुपए तक की तकनीकी स्वीकृति एवं उपयोगिता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्तियां प्रदत्त है। इस सीमा तक उन्हें कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी करने की शक्तियां भी प्रदान कर दी गई हैं। इस अवसर पर जानू ने संघ की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त करने पर सरकार का आभार व्यक्त किया।