अजमेर। राजस्थान में सोमवार से अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के खुलने पर फूल चादर पेश किए जाने की अनुमति नहीं देने का खादिमों ने कड़ा विरोध जताया हैं।
अजमेर दरगाह शरीफ खादिमों की संस्था अंजुमन एवं दरगाह दीवान के प्रतिनिधि ने सरकार के फैसले पर रोष व्यक्त करते हुए गाइडलाइन पर पुनर्विचार की मांग की है और कहा कि दरगाह खोल रहे हैं तो पूरी तरह खोले। अकीदतमंद आएगा और मजार शरीफ पर फूल चादर पेश नहीं करेगा तो उसकी दुआ एवं धार्मिक यात्रा पूरी नहीं होगी।
अंजुमन सचिव वाहिद हुसैन अंगारा ने दरगाह खोलने और चादर एवं फूल ले जाने पर रोक को बेमानी करार देते हुए कहा कि दरगाह दुकानों के खोले जाने के समय तक खोली जानी चाहिए तथा दरगाह शरीफ में चादर एवं फूल ले जाने तथा उसे चढ़ाने की अनुमति मिलनी चाहिए। दरगाह दीवान जैनुअल आबेदीन के प्रतिनिधि सैयद नसीरुद्दीन ने भी इसे आस्था का सवाल बताते हुए अनुमति की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि शनिवार रात अनलॉक-3 की गाइडलाइन जारी होने के बाद देर रात अजमेर में खादिम समुदाय की एक आपात बैठक आयोजित हुई जहां सभी ने एक स्वर में यह कहा कि दरगाह खोली है तो फूल एवं चादर की अनुमति दी जानी चाहिए।