अजमेर। पशु चिकित्सकों को भी फ्रंट लाइन वारियर मानते हुए कोरोना वैक्सीन लगवाने की पुरजोर मांग राजस्थान वैटेनरी एसोसिएशन ने उठाई है। इस बाबत सोमवार को कलक्टर को ज्ञापन सौंपा गया।
राजस्थान पशु चिकित्सक संघ के महासचिव डा. आलोक खरे ने बताया कि कोविड महामारी की शुरुआत में लगे लॉकडाउन के दौरान राजस्थान सरकार ने पशु चिकित्सा को भी आवश्यक सेवाएं मानते हुए पशु चिकित्सालय में पशुओं की चिकित्सा के लिए पशु चिकित्सकों को कार्य करने के आदेश दिए थे। जांबाज पशु चिकित्सकों ने जान जोखिम में डालकर लॉकडाउन अवधि में तत्परता से पशु चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाई।
अजमेर जिले में ही लगभग 71 कार्यरत पशु चिकित्सा अधिकारियों में से 8 पशु चिकित्सक कोविड पोजिटिव हुए। यानि कि 10 प्रतिशत पशु चिकित्सक पशु चिकित्सा सेवा के दौरान कोविड संक्रमण की चपेट में आए। कमोबेश यही स्थिति पूरे राज्य में है।
अब जब फ्रंटलाइन वर्कर का कोविड टीकाकरण करवाया जा रहा है तो पशु चिकित्सकों का नाम ही गायब है। यानी पशुचिकित्सकों को सरकारी स्तर पर कोरोना वैक्सीन से वंचित कर दिया गया है। जबकि नया बाजार स्थित बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय में पदस्थापित 6 पशु चिकित्सकों में से 3 पशु चिकित्सक, यानि कि 50 प्रतिशत कोरोना पोजिटिव हो गए थे।
संघ की तरफ से जिला कलक्टर के माध्यम से राज्य सरकार को लिखा गया है कि आवश्यक सेवा के अन्तर्गत आने वाले सभी पशु चिकित्सकों को फ्रंटलाइन वर्कर मानते हुए कोरोना वैक्सीनेशन में प्राथमिकता प्रदान की जाए।