जयपुर। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने राज्य सरकार पर लोकतंत्र का गला घोटने का आरोप लगाते हुए कहा है कि भारतीय जनता पार्टी बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा द्वारा उठाए गए लाल डायरी के मुद्दे को सदन और सड़क तक लेकर जाएगी।
राठौड़ एवं उपनेता प्रतिपक्ष डा सतीश पूनियां गुढा के महिला अत्याचार को लेकर अपनी ही सरकार के खिलाफ विधानसभा में बोलने पर उनकी मंत्री पद से बर्खास्तगी और गुढ़ा द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर लाल डायरी में भ्रष्टाचार के सबूत होने का दावा करने आदि मुद्दों को लेकर सोमवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के कक्ष में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे।
राठौड़ ने कहा कि हमने गुढा से भी मांग की है कि लाल धब्बे के तथ्य हमें उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि गुढा के साथ सदन में जो लाल डायरी छीनने और छीना झपटी की घटना से लोकतंत्र के मंदिर को कलंकित करने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि जब सदन की कार्यवाही चलती है, उस दौरान सदन के बाहर कोई भी महत्वपूर्ण निर्णय होता है, संसदीय परंपराओं के अनुसार उसके बारे में सदन के नेताओं को पूर्व सूचना देना और अवगत कराना आवश्यक होता है। मणिपुर की घटना में देश के प्रधानमंत्री मोदी ने संसद से बाहर प्रेस को वक्तव्य दिया और उसके बाद कांग्रेस के लोगों ने संसद को ठप कर दिया। राजस्थान विधानसभा में आज उसके विपरीत आचरण देखने को मिला।
उन्होंने कहा कि गुढा सहित बहुजन समाज पार्टी के सदस्यों का कांग्रेस में विलय हुआ, जिनकी दल बदल याचिका आज भी उच्च न्यायालय में लंबित है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री तीन महीने पहले जिनके पुत्र के जन्म दिवस पर उनके गांव में जाकर कहते हैं कि अगर राजेंद्र सिंह गुढा नहीं होते तो मेरी सरकार नहीं होती, मैं आपका अहसान भूल नहीं सकता। और उसी व्यक्ति ने जब महिला उत्पीडन पर सरकार को आईना दिखाया तो मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया गया।
राठौड ने सदन के घटनाक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि सदन में मणिपुर की घटना का जिक्र हो रहा था, उस समय हम सरकार से मांग कर रहे थे। एनसीआरबी के आंकडों के अनुसार दुष्कर्म मामलों में राजस्थान पहले पायदान पर क्यों है। सरकार के खुद के पुलिस मासिक प्रतिवेदन में दुष्कर्म के आंकड़े क्यों बढ़ रहे हैं।
सरकार खाजूवाला पर बहस करे रोज प्रदेश में दुष्कर्म और महिला उत्पीडन की घटनाएं हो रही हैं। हमने दौसा की घटना पर बहस करने को बोला, इस पर सरकार के राज्य मंत्री गुढा ने खड़े होकर कहा कि राजस्थान में महिलाओं की हालत ठीक नहीं और महिलाओं की इज्जत नीलाम हो रही है इस पर इस मामले पर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।